मधेपुरा : विभिन्न मांगों को लेकर सीपीएम एवं बिहार राज्य किसान सभा के द्वारा एक दिवसीय धरना का आयोजन

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : क्रांतिकारी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को सीपीएम एवं बिहार राज्य किसान सभा के द्वारा सदर प्रखंड पर एक दिवसीय धरना आयोजित की गई।

मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीपीएम के राज्य कमेटी सदस्य गणेश मानव ने कहा कि आज बिहार सरकार और केंद्र सरकार हर मोर्चे पर फेल है, महंगाई, भ्रष्टाचार, बलात्कार चरम पर है, सरकार संप्रदायिक दंगा फैलाने में व्यस्त है, बेरोजगार का फौज जमा हो रहा है, मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नीचे रहने के कारण प्रत्येक दिन गाड़ी पर चढ़ने और उतरने में दुर्घटना होती रहती है,  सरकार रेल का निजीकरण कर रही है। जिले की सड़कें नरक बना हुआ है, किसान को घोषित छह हजार रुपया नहीं मिलता है, खेत का दाखिल खारिज और रसीद कटाने में वर्षों लग जाता है, रसोईया के साथ अन्याय हो रहा है।

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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि सरकार समय रहते हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो सीपीआईएम चरणबद्ध आंदोलन करेगी। उन्होंने अपनी मांगों से अवगत कराते हुए कहा कि महंगाई, भ्रष्टाचार, बलात्कार, अशिक्षा, बेरोजगारी, दहेज पर रोक लगाई जाए, प्रत्येक किसानों को साल में घोषित छह हजार रुपये, 60 वर्ष के बाद 10 हजार रुपया मासिक पेंशन, सस्ते दर पर खाद, बीज, कीटनाशक दवा, धान और गेहूं का समर्थन मूल्य पांच हजार रुपया क्विंटल, मधेपुरा में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, प्रत्येक किसान को इंदिरा आवास एवं शौचालय की व्यवस्था दी जाए, दाखिल खारिज एक सप्ताह के अंदर किया जाए, मधेपुरा रेलवे प्लेटफार्म को ऊंचा उठाने, ढाला पर ओवर ब्रिज, सहरसा तक आने वाली सभी ट्रेन को मधेपुरा तक लाया जाए, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता, व्यापार करने के लिए बिना ब्याज का ऋण दिया जाए, रसोइयों को साल में 12 महीने 18 हजार रुपया, अवकाश प्राप्ति के बाद पेंशन, सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए,  मजदूरों के लिए केंद्रीय कानून, छात्रों का समय पर परीक्षा, समय पर रिजल्ट, साल में 180 दिन पढ़ाई नियमित, पहला से स्नातकोत्तर तक मुक्त शिक्षा एवं छात्रवृत्ति दिया जाए, महिला को सभी नौकरी तथा विधानसभा, लोकसभा में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए, जिले के जर्जर सड़कों का पुनः निर्माण एवं चांदनी चौक से सिंहेश्वर भाया शंकरपुर रोड बनाया जाए।

 धरना को संबोधित करते हुए नूतन भारती ने कहा कि आजादी के 72 साल बीत जाने के बाद भी महिला के साथ अन्याय हो रहा है। 33 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिला। वही एसएफआई के जिला संयोजक विमल विद्रोही ने कहा कि छात्र दुनिया का सबसे संवेदनशील प्राणी है। उनके साथ सरकार अन्याय कर रही है। पढ़ने के बाद नौकरी नहीं मिलती है। तीन साल का कोर्स पांच साल में पूरा होता है। हम इस धरना के माध्यम से मांग करते हैं कि छात्र को पहला से स्नातकोत्तर की पढ़ाई मुफ्त हो, नहीं तो हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।

 एसएफआई नेता राजदीप कुमार ने कहा कि जब तक छात्रों को पूरा शिक्षा व रोजगार नहीं मिलेगा तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर निर्माण यूनियन के अध्यक्ष अनिलाल यादव, लखन साह, एके यादव, अमित कुमार, चंद्रकिशोर यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे।


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