सुपौल : बामसेफ एवं ऑफशुट संगठनों का एक दिवसीय वार्षिक जिला अधिवेशन संपन्न

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रियाज खान
संवाददाता
भीमपुर, सुपौल

छातापुर/सुपौल/बिहार : बामसेफ एवं ऑफशुट संगठनों का एक दिवसीय वार्षिक जिला अधिवेशन का आयोजन पल्स टू उच्य विद्यालय त्रिवेणीगंज में आयोजित किया गया । जिला स्तरीय अधिवेशन में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि इस तरह का अधिवेशन कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जायेगा। वक्ताओं ने संघठन में दो बिंदु पर विशेष चर्चा किया, पहला ओबीसी के मंडल कमीशन तथा मुसलमानों के सच्चर कमीशन का अमल नहीं करना और दोनों को संवैधानिक अधिकार से वंचित करके चुनाव वक्त वोटों के लिए आपस मे लड़ाना शाशक जातियों का षड्यंत्र, दूसरा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में वामसेफ के माध्यम से ऑफशुट संगठन का निर्माण किए बगैर मूल्य निवासी बहुजन समाज, एससी, एसटी, ओबीसी की आजादी का आंदोलन सफल नहीं हो सकता इन दोनों बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वामसेफ प्रदेश प्रभारी रामलगन मांझी, मंच संचालन कार्यकारी जिला अध्यक्ष शुसील कुमार सुमन ने किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्राचार्य सोनेलाल कामैत ने कहा कि बहुजनों को शिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने कहा ओबीसी मंडल नहीं लागू करना, मुसलमानों को सच्चर समिति लागू नहीं करना और दोनों के बीच खाई उत्पन्न करना इस देश की घटिया राजनीति का परिणाम है।

इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में रामचंद्र मेहता, बिपिन कुमार यादव, असलम बैग ने कहा कि 26 नवंबर, 2017 को मंडल कमीशन अमल की घोषणा को 25 वर्ष पूरे होने के बावजूद ओबीसी के साथ अब तक भयंकर धोखेबाजी हुई है। वक्ताओं ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए बामसेफ अपने संगठनों सहित पूरे देश के सभी जिला केंद्रों पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है। किसानों में असंतोष है, वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। ओबीसी की जाति आधारित गिनती नहीं की जा रही है। एससी एसीटी सुरक्षा काननू के साथ छेड़छाड़ किया गया। जानबूझकर इस समय अनेक समस्याएं उत्पन्न की गई है। समस्याओं का समाधान नहीं होने का मूल कारण ईवीएम हैं। चुनाव ईवीएम से कराना लोकतंत्र की हत्या है।

अधिवेशन को सफल बनाने में प्रदीप कुमार प्रभाकर, दिनेश कुमार दिनकर, भरत ऋषिदेव, संजय कुमार, संजीव कुमार, मनोज कुमार राम, दिलीप कुमार यादव, मो मैराज खालिक आदि ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया।


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