पटना/बिहार : बिहार में बिल्डरों व रियल एस्टेट कंपनियों के समस्याओं को लेकर पिछले सप्ताह मैंने बिहार यूथ बिल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष भूषण कुमार सिंह बबलू का एक साक्षात्कार किया था। जिसे आप नीचे दिए गए लिंक पर सुन सकते हैं।
इस साक्षात्कार में उन्होंने बिहार के रीयल एस्टेट कंपनियों और बिल्डरों की समस्याओं को लेकर कई सारे सवाल उठाए थे तथा सरकार और रेरा से इस में सहूलियत देने की मांग की थी। बिहार में विधानसभा का सत्र भी चल रहा है। मौजूदा सत्र में बिल्डरों की समस्याओं पर भी सवाल उठाए गए। बबलू जी की मांग के बाद बिहार रेरा के अध्यक्ष का बयान आया है कि पुराने फ्लैटों की रजिस्ट्री में रेरा निबंधन की अनिवार्यता पर सरकार जल्द फैसला करने जा रही है। नियम में संशोधन की भी तैयारी है।
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अफजल अमानुल्लाह ने बताया कि मई 2017 में बिहार में रेरा लागू हुआ है। जबकि 2 अप्रैल 2018 को इसका गठन किया गया। जिसमें 500 वर्ग फीट से ज्यादा या 8 से ज्यादा वाले रेसिडेंशियल और कमर्शियल मिक्स प्रोजेक्ट पर रेरा निबंधन की अनिवार्यता लागू की गई। बिहार में 683 प्रोजेक्ट रेरा से निबंधित है तथा 344 प्रोजेक्ट के निबंधन की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि रेरा के अस्तित्व में आने से पहले जिन फ्लैटों की खरीद बिक्री की की गई थी उनके पुनः रेरा में निबंधन अनिवार्यता समाप्त करने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। दूसरी तरफ अपनी मांगों पर सरकार के सकारात्मक रवैया से उत्साहित बिहार युथ बिल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष भूषण कुमार सिंह बबलू ने कहा कि बिहार के बिल्डर व रियल एस्टेट कंपनियां सरकार को सहयोग देने को तैयार हैं बशर्ते सरकार को भी उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए आगे आने की जरूरत है।