बिहार : इस साल ईद-उल-फित्र की नमाज़ घरों में करें अदा, लॉकडाउन का रखें ख्याल – इमारत-ए-शरिया

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ईद की नमाज़ से पहले सदक़ा फित्र अदा करें – मौलाना मोहम्मद शिबली क़ासमी

प्रेस विज्ञप्ति :

फुलवारी शरीफ/पटना/बिहार : वे लोग अल्लाह के नेक बंदे एवं सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें रमज़ान की इबादतों का अवसर  प्राप्त हुआ । दिन के रोज़े एवं रात की तरावीह से अपने दिलों को रोशन किया, अल्लाह के सामने रो-रो कर अपने पापों की क्षमा कराई, ज़िक्र व अज़्कार एवं तिलावत व तस्बिहात की व्यवस्था की । जब मुमीन बंदा रमजान की बरकतों एवं कल्याणों से अपने दामन भर लेता है ए तो अल्लाह उन के लिए ईद के चांद के रूप में अपनी रिज़ा की घोषणा करता है। उसके प्रति कृतज्ञता में ईद की नमाज़ अदा की जाती है ए यह नमाज़ वाजिब है ।

उक्त बातें आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुफ़क्किर ए इस्लाम हजरत मौलाना सैयद मोहम्मद वली रहमानी व अमीर ए शरीयत बिहार, ओडिशा एवं झारखंड ने कही । उन्होंने कहा कि वास्तव में ईद की खुशी इबादतों की अदाईगी  विशेष रूप से रोज़ा रखने अवसर मिलने के कारण है। इस साल लॉकडाउन के कारण मस्जिद या ईदगाह में पिछले वर्षों की तरह ईद की नमाज़ अदा नहीं की जा सकती, लेकिन इसे छोड़ा नहीं जा सकता है। इसलिए यह नमाज़ अपने अपने घरों में अदा की जाए । ईद की नमाज़ अदा करने के लिए बड़ी जमात शर्त नहीं है।

ईद की नमाज घर में ऐसे करे अदा : इमाम के अलावा, घर में तीन बालिग़ व्यक्ति हों तो ईद की नमाज़ अदा करें । दो रकात नमाज़ अदा करने के बाद खुतबा पढ़ें, यदि खुतबा पढ़ने पर भी कोई व्यक्ति सक्षम न हो तो खुतबा के बिना भी नमाज़ हो जाएगी, क्यौंकी जुमा की इदाईन का खुतबा वाजिब नहीं है, बल्कि इदाईन का खुतबा सुन्नत है । वैसे विभिन्न संस्थानों ने संक्षेप और आसान खुतबा तैयार करके उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया है। इसे पढ़ने का अभ्यास करें। इमारत शरिया ने भी ईद की नमाज़ का नियम और संक्षेप में खुतबा प्रकाशित की है, उसे देख कर खुतबा दिया जा सकता है। ईद.उल.फ़ित्र की नमाज़ से पहले सदक़ा फित्र ज़रूर अदा करें । इस साल इमारत शरिया की ओर से प्रति व्यक्ति 40 रुपये की घोषणा की गई है।

मौलाना ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि लॉकडाउन में ईद की खुशी का क्या मतलब है, तो अच्छी तरह से समझें कि ईद की खुशी रमज़ान मुबारक की इबादतों का अवसर और पापों की माफी के कारण है, इसका संपर्क दिल की बदली हालात से है। नए और आकर्षक कपड़ों का उपयोग नहीं, इसलिए ईद की ज़रूर खुशी मनानी  चाहिए, लेकिन खुशी मनाते हुए भी लॉकडाउन का पूरा ध्यान रखें ।


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