मधेपुरा/बिहार : बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर सत्र 2018-20 से सीबीसीएस पद्धति या प्रणाली लागू की गई है। भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में छात्रों का नामांकन सत्र 2018 में हो रहा है। यह प्रक्रिया लगभग पूरी होने को है। इस विश्वविद्यालय में भी अब स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई सीबीसीएस पैटर्न पर होनी है। इसके लिए राजभवन से अनुमोदित रूल्स एवं रेगुलेशंस और सभी विषयों के पाठ्यक्रम उपलब्ध करवा दिए गए हैं । नई पद्धति या प्रणाली को समझने की आवश्यकता है और इसके लिए शिक्षकों एवं छात्रों को आगे आना है।
सीबीसीएस से संबंधित पाठ्यक्रम एवं नियम-परिनियमों के संबंध में जानकारी एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 27 नवंबर को विज्ञान संकाय सभागार उत्तरी परिसर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सुनिश्चित है। इस कार्यशाला का उद्घाटन बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय करेंगे।
प्रति कुलपति प्रो डा फारूक़ अली कार्यशाला के मुख्य अतिथि होंगे। इसमें सभी संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, सभी शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया गया है। वैसे महाविद्यालय जिसमें स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई होती है, उनके प्रधानाचार्य एवं संबंधित विषयों के विभागाध्यक्षों और शिक्षकों को भी इस कार्यशाला में सहभागी बनने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.
इस एक दिवसीय कार्यशाला में विस्तृत रूप से सभी उपस्थित लोगों को सीबीसीएस प्रणाली से संबंधित सभी आयामों पर विशेष जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा।
तीन सत्र में आयोजित किए जाएंगे कार्यशाला : प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय के तीन वरीय प्रोफेसरों को नामित किया गया है। इनमें जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा नरेंद्र श्रीवास्तव, रसायनशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉ नरेश कुमार एवं मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा एमआई रहमान के नाम शामिल हैं। कार्यशाला तीन सत्र में आयोजित किए जाएंगे, प्रथम सत्र उद्घाटन सत्र के रूप में होगा। जिसके अंतर्गत आमंत्रित अतिथि अपने उदगार व्यक्त करेंगे। दूसरा सत्र तकनीकी सत्र के रूप में होगा। इसके अंतर्गत तीनों ट्रेनर एक-एक घंटे का व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। सीबीसीएस के विभिन्न आयामों पर अपने विचार प्राप्त ऑर्डिनेंस एवं रेगुलेशंस के मध्य नजर रखेंगे। सत्र के अंत में समापन सत्र होगा। इसमें सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
शिक्षा की दिशा में और सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता : कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने की जिम्मेदारी उप कुलसचिव अकादमिक डा एमआई रहमान को दी गई है। उन्होंने कहा है कि यह कार्यक्रम इस बात का गवाह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए वचनबद्ध है। इस मामले में कोई कोताही नहीं की जाएगी. कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय लगातार यह बात कहते रहे हैं और उन्होंने इस दिशा में काफी कुछ काम भी किया है। गत दिनों विभागाध्यक्षों की बैठक में भी कुलपति ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि छात्र-छात्राओं के हितों का हमेशा ख्याल रखना है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षण हमारी और हम सब की प्राथमिकता है। विश्वविद्यालय के सभी स्नातकोत्तर विभागों एवं कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था को दुरूस्त करना है। हम सबों को मिलकर इस दिशा में और सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि हमारे छात्र-छात्राएं अपने सफलता की मंजिल को आसानी से पा सकें। इससे ना केवल विश्वविद्यालय का मान बढ़ेगा, बल्कि हमारे शिक्षकों का भी सम्मान बढ़ेगा।