सिंहेश्वर मेला : अगर समय पर होती तैयारी तो पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि के आमने सामने की नहीं आती नौबत

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मधेपुरा/बिहार : सिंहेश्वर मेला में जिला प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और स्थानीय विधायक द्वारा टोकने पर डीएम द्वारा नजर अंदाज करने की घटना पर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे तानाशाही रवैया बताया है। संगठन के जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि जनप्रतिनिधि आमजन का नेतृत्वकर्ता होता है उसकी अनदेखी आमजन की अनदेखी है जिसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता। विगत कुछ समय से जिला प्रशासन की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। विगत बीपी मंडल जयंती, गोपाष्टमी महोत्सव में भी जनप्रतिनिधियों को नजरंदाज किया गया था जो अच्छी परंपरा नहीं है।

सिंघेश्वर मेला का डीएम द्वारा उद्घाटन किए जाने पर भी वाम युवा संगठन एआईवाईएफ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कड़ी नाराजगी जताई है और कहा है कि वर्षों से सिंहेश्वर मेला का उद्घाटन कमिश्नर अथवा मंत्री द्वारा होता रहा है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए ईमानदार पहल नहीं की गई। यह कोई नई घटना नहीं है पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल की जयंती पर भी वर्तमान डीएम द्वारा ऐसा ही किया गया था। राठौर ने कहा कि इसका मूल कारण जिला प्रशासन द्वारा ऐसे आयोजनों गंभीरता से दिलचस्पी नहीं लेना है लगातार आवाज उठाने के बाद भी नजरंदाज किया जाता है और आयोजन से कुछ दिन पहले बैठक कर आयोजन की औपचारिकता पूरी की जाती है। एक हकीकत यह भी है कि आयोजन का आमंत्रण भी एक दो दिन पहले छपता है जिसके कारण जनप्रतिनिधि को आमंत्रित करने में भी औपचारिकता ही होती है कुछ को तो कार्ड भी नहीं मिल पाता फलस्वरूप वो जुड़ नहीं पाते। एआईवाईएफ प्रशासन व जनप्रतिनिधि के आमने सामने की नौबत की निंदा करता है। यह मेला इस क्षेत्र की पहचान है इसे सबके सहयोग से भव्य तरीके से मनाने की पहल करने में जिला प्रशासन नाकामयाब रहा।

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नियाज अहमद उर्फ महताब की रिपोर्ट


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