बड़े घोटाले को दबाने के लिए विश्वेश्वरैया भवन में लगाई गई आग : पप्पू यादव

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मधेपुरा/बिहार : विश्वेश्वरैया भवन में आग लगी नहीं है, बल्कि लगाई गई है. इस घटना की पूरी जांच हो. विश्वेश्वरैया भवन में जल नल योजना, आरयू और पीडब्ल्यूडी की फ़ाइलें थी, जितने पदाधिकारी, नेता, ठेकेदार एवं माफिया इसमें संलिप्त हैं, उन सभी की संपत्ति की जांच हो. पटना जैसे शहर में तीन दिनों तक आग नहीं बुझने के कारण स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घटनास्थल पर पहुंचना पड़ा. गृह रक्षा वाहिनी की डीजी शोभा अहोतकर के द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि प्रशासनिक सहयोग नहीं मिला. इसलिए डीजी शोभा अहोतकर के द्वारा लगाये गये गंभीर आरोपों की जांच हो.

उक्त बातें शुक्रवार को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मधेपुरा व्यवहार न्यायालय पहुंचे मधेपुरा लोकसभा के पूर्व सांसद सह जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कही. मालूम हो कि शुक्रवार को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मधेपुरा लोकसभा के पूर्व सांसद सह जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव एवं जयप्रकाश सिंह न्यायालय में उपस्थित हुए थे. जहां न्यायालय ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव एवं जयप्रकाश सिंह को आचार संहिता के सभी धाराओं के आरोप से मुक्त कर दिया है. यह आचार संहिता हनन का मामला राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव एवं जयप्रकाश सिंह पर वर्ष 2015 में लगा था. पप्पू यादव ने कहा कि हिंदुस्तान में जितनी भी बड़ी घटनायें होती है, वह बिहार में ही क्यों होती है. बीपीएससी जैसे बड़े परीक्षाओं का प्रश्न पत्र भी लीक बिहार में हुआ है. विश्वेश्वरैया भवन में जो आग लगी है, इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी जांच होनी चाहिये.

पप्पू यादव ने कहा कि बिजली शॉर्ट सर्किट से इतनी बड़ी आग नहीं लग सकती है. यह आग इतने बड़े पैमाने पर तब लगी है, जब पेट्रोल, डीजल या केरोसिन तेल का बड़े पैमाने पर छिड़काव करके आग लगाई गई हो. उन्होंने कहा कि इस मामले में मैं फॉरेंसिक जांच की मांग करता हूं. पप्पू यादव ने कहा कि बड़े घोटाले को दबाने के लिए विश्वेश्वरैया भवन में आग लगाई गई है. साथ ही जेल की सजा से बचने के लिए यह आग लगाई गई है. सरकार और विपक्ष दोनों इस मामले में चुप है.

अमित कुमार अंशु संपादक
अमित कुमार अंशु
संपादक
द रिपब्लिकन टाइम्स

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