मधेपुरा : कोरोना से बचाव का दावा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में फेल

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मधेपुरा/बिहार : कोसी-सीमांचल का सबसे बड़ा अस्पताल जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ही कोरोना संक्रमण फैला सकता है. मेडिकल कालेज परिसर में खुले में पीपीई किट फेंके जा रहे हैं और मेडिकल कॉलेज परिसर में ही पीछे वाले भाग में सड़क पर मेडिकल वेस्ट का ढेर है. साथ ही चिकित्सकों द्वारा उपयोग किए गए पीपीई किट को सफाई कर्मियों द्वारा हटाने के इंतजार में घंटों तक कंट्रोल रूम के बाहर रख दिया जाता है. कंट्रोल रूम के समीप से लोगों को किसी कार्य के कारण गुजरना पड़ता है. जिससे  मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को मेडिकल कॉलेज से ही संक्रमण का खतरा मंडराता है.Photo : www.therepublicantimes.co

कोरोना से बचाव का दावा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में फेल : कोरोना से बचाव को लेकर जिला प्रशासन एवं मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल प्रशासन लगातार दावे कर रही है. इसी में साफ-सफाई का दावा भी शामिल है, लेकिन जिला प्रशासन एवं मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल प्रशासन का यह दावा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ही झूठा साबित हो रहा है. बीते 10 दिन पहले मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार के द्वारा पांच सौ बेड का कोविड डेडीकेटेड अस्पताल घोषित किया गया है. मेडिकल कॉलेज में सिर्फ कोरोना संक्रमित लोगों का ही इलाज किया जा रहा है, लेकिन परिसर में ही मेडिकल वेस्ट का ढेर पड़ा है. कोरोना वार्ड से निकलने वाला पूरा कचरा और मेडिकल वेस्ट खुले में ही फेंका जा रहा है.

मेडिकल कॉलेज की लापरवाही ह्रदय रोगियों पर पड़ सकती है भारी : जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीजों के पास से निकले मेडिकल वेस्ट और पीपीई किट को खुले में ही रास्ते पर फेंका जा रहा है. हृदय रोगी कोरोना को लेकर काफी संवेदनशील माने जाते हैं और यह लापरवाही उनपर भारी पड़ सकती है. वर्तमान में मेडिकल कॉलेज से निकलने वाला कचरा भी कोरोना संक्रमित लोगों से जुड़ा होता है. जिस पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन लापरवाह बनी हुई है. साथ ही कोरोना संक्रमित लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा भी वहां अधिकारी एवं कर्मी तैनात हैं, जिनकी नजर भी इन कचरों पर पड़ती है और वह भी इसे अनदेखा कर देते हैं. अस्पताल का कचरा परिसर में ही फेंका जा रहा है. इससे अस्पताल में आने वाले मरीज के साथ-साथ परिजन भी संक्रमित हो रहे हैं.

कोरोना का कचरा नष्ट करने का नियम : कोरोना का कचरा नष्ट करने को लेकर भी सरकार की गाइडलाइन है. इसका निस्तारण करने को लेकर विशेष सतर्कता का आदेश है. इसे संक्रमितों के पास से सुरक्षित उठाना है और फिर सुरक्षा के साथ नष्ट करना है. किसी भी दशा में इसे खुला नहीं फेंकना है. संक्रमित कचरा को उठाने और इसे नष्ट करने के दौरान कर्मचारियों को पीपीई किट पहनना है. सरकार का सारे निर्देश एवं सारे नियम परिणयम मेडिकल कॉलेज में सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गई है.

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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