नालंदा : बैंक लोन पर लगने वाले स्टांप ड्यूटी शुल्क माफ करने की मांग

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मुर्शीद आलम
नालंदा ब्यूरो
बिहार

नालंदा/बिहार : नालंदा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने आत्मनिर्भर भारत आर्थिक पैकेज के तहत सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई )को बैंक से दिए जाने वाले कर्ज पर लगने वाले स्टांप ड्यूटी को कम कर एक टोकन राशि के निर्धारण करने का सरकार से आग्रह किया है।

 नालंदा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अनिल कुमार अकेला ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी से देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को उबरने के लिए केंद्र सरकार ने तीन लाख करोड़ (20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर  भारत आर्थिक पैकेज) के ऑटोमेटिक लोन की सुविधा बगैर किसी गारंटी के देने पर निर्णय लिया है, इसमें प्रावधान किया गया है कि 29 फरवरी 2020 को बैंक का लोन आउटस्टैंडिंग चाहे वह टर्म लोन मे हो या वर्किंग कैपिटल या कोई अन्य लोन एकाउंट सभी को मिलाकर उसका 20 प्रतिशत राशि कर्ज के रूप में एमएसएमई को दिया गया है ।

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इस राशि पर ब्याज की दर बैंकों से लिए जाने वाली अन्य कर्ज की तुलना में कम होगी और इस लोन का वर्किंग कैपिटल टर्म लोन एकाउंट के अंतर्गत 1 साल का अधिस्थगन अवधि के बाद 4 साल में भुगतान करना है। अकेला ने बताया कि लोन देने के समय बैंक द्वारा जो हाईपौथिकेशन एग्रीमेंट कराया जाता है उसमें उस लोन का राशि का ₹290 प्रति लाख की दर से स्टांप ड्यूटी लगाया जाता है यानी यदि लोग राशि एक करोड़ का है तो उस पर ₹29000 का स्टांप ड्यूटी देना पड़ेगा जो छोटे छोटे उद्यमियों के लिए उपयुक्त प्रतीत नहीं होता है।

उन्होंने आगे बताया कि सरकार द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए गजट अधिसूचना नंबर 1/M-148/2011-1959  दिनांक 1 अगस्त 2012 के द्वारा इस तरह के बैंक लोन हाईपौथिकेशन हेतु अधिकतम राशि ₹5000 /=तय किया गया था लेकिन पुनः गजट अधिसूचना दिनांक 21 जुलाई 2016 द्वारा इस राशि को फास्ट ₹30,000/= पर 85/-रुपया स्टाम्प ड्यूटी का प्रावधान किया गया और उसके ऊपर अतिरिक्त प्रत्येक 10,000/= के लिए ₹29/=( ₹290 प्रति लाख )कर दिया गया।

श्री अकेला ने कहा कि इसके अतिरिक्त भी बैंकों द्वारा विभिन्न तरह का डॉक्यूमेंट बनवाया जाता है और उन पर भी स्टाम्प ड्यूटी अलग से लगता है जैसे एग्रीमेंट पर ₹1000/= का स्टाम्प, गारंटी पर ₹2000 /=का स्टाम्प,बौरोअर पीडीआर पर 1000 /=एवं गारंटर पीडीआर पर 1000/=का स्टांप लगता है ।

चैंबर के अध्यक्ष ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सह  वित्त वाणिज्य मंत्री सुशील कुमार मोदी उद्योग मंत्री  प्रधान सचिव वित्त विभाग से अनुरोध किया है कि राजकीय औद्योगिक एवं आर्थिक विकास को इस महामारी काल में गति प्रदान करने हेतु बैंक से लोन हाइपोथैकेशन हेतु पूर्व की भांति एक निश्चित राशि टोकन अकाउंट का निर्धारण किया जाए जिससे कि अधिकाधिक एमएसएमई इस सुविधा को लाभ उठाते हुए देश एवं राज्य के आर्थिक विकास में अपना योगदान कर सके । अधिकाधिक रोजगार का सृजन हो सके।


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