मधेपुरा : बाहर से आए 28 संदिग्ध लोगों की हुई जांच, स्क्रीनिंग में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिलने पर भेजा गया घर

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : लॉक डाउन के कारण जिले के हजारों लोग अभी भी बाहर फंसे हुए हैं, कई लोग जो जिले से बाहर अन्य जिले एवं अन्य राज्यों में काम कर अपने घर का भरण पोषण करते थे अब वे लोग वहीं फंस चुके हैं, जिनको लेकर राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन ने कवायद भी तेज कर दी है । लेकिन इन सबके बीच अभी भी लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें घर जाने के सिवाय और कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है ।  ऐसी स्थिति में लोग वाहन नहीं मिलने पर पैदल ही अपने घरों की ओर रुख कर रहे हैं ।

 रविवार को जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड के समीप सड़कों पर 14 ऐसे लोग मिले जो दो दिन पूर्व, जहां काम किया करते थे, वहां से घर की ओर निकल पड़े थे । सीतामढ़ी जिले में बिजली टावर पर मजदूरी कर रहे भागलपुर एवं मधेपुरा जिले के मजदूर को जब खाने-पीने पर आफत आ गई तो पैदल ही अपने घर की ओर चल दिए ।

छिन गया रोजगार, घर आने का नहींं बचा था कोई साधन : सीतामढ़ी से चले 14 लोगों में भागलपुर जिले के कदवा के दो भागलपुर जिले के बीहपुर थाना अंतर्गत हरियो के 10 एवं मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड अंतर्गत कुर्मन के लोग रहने वाले थे, जिन्होंने शुक्रवार के अगले सुबह लगभग चार बजे सीतामढ़ी से मधेपुरा की ओर रुख कर दिया । मजदूर विकास कुमार सिंह, सुनील कुमार, रोशन कुमार, चंदन कुमार, ब्रह्मदेव साह, पंकज साह, ज्योति सिंह, सुबोध सिंह समेत अन्य लोगों ने बताया कि लॉक डाउन होने के बाद उन लोगों का रोजगार छिन गया था, घर आने का भी कोई साधन नहींं बचा हुआ था । उन लोगों को स्थानीय प्रशासन द्वारा एक स्कूल में रख तो दिया गया लेकिन भोजन के लिए कोई पूछने वाला तक नहीं था । उन्होंने बताया कि ना तो स्थानीय प्रशासन के द्वारा ध्यान दिया जा रहा था और ना ही उन लोगों के पास इतने पैसे बचे थे कि वे लोग अपना गुजर-बसर कर पाते । उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी थी कि कई दिन उन्हें भूखे भी रहना पड़ा, जिसके बाद उन लोगों ने वहां से निकलने की ठानी और शुक्रवार के अहले सुबह लगभग चार बजे वहां से अपने घर मधेपुरा एवं भागलपुर की ओर रुख कर दिया, साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर लोगों में इस तरह भय समाया हुआ है कि रास्ते में कोई भी उन्हें पानी पिलाने तक भी तैयार नहीं हुआ ।

जांच के दौरान मधेपुरा पुलिस ने सभी को जांच के लिए भेजा अस्पताल: उन लोगों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह सीतामढ़ी से निकलकर मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी होते हुए वे लोग रविवार को लगभग 12 बजे सुपौल जिला पहुंचे । इस बीच उन लोगों की भूख से हालत खराब हो चुकी थी । क्योंकि रास्ते में खाने के लिए कोई भी होटल खुला हुआ है नहीं मिला । उन्होंने रास्ते में कई लोगों से उन लोगों ने मदद मांगी, मगर कोरोनावायरस के भय से किसी ने मदद नहीं की । बीच में उनलोगों ने जोगीरा स्टेशन पर बिस्किट खा कर पुनः अपने घर की ओर चल दिए । उन्होंने बताया कि सुपौल पहुंचने के बाद वह लोग काफी थक चुके थे और भूखे प्यासे आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हो रही थी, जिसके बाद उन लोगों ने सुपौल में पिकअप गाड़ी रिजर्व कर गाड़ी के पिछले डाला में बैठकर मधेपुरा होते हुए आलमनगर एवं भागलपुर जिले की ओर चल दिए ।

वही आलमनगर जाने के क्रम में जिला मुख्यालय के बस स्टैंड चौक पर तैनात पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को रोककर सभी लोगों से पूछताछ की । पूछताछ के क्रम में पुलिसकर्मियों को यह लगा कि उन लोगों की जांच नहीं हुई है । जिसके बाद सदर अस्पताल को सूचित करें एंबुलेंस बुलाकर सभी लोगों को जांच के लिए सदर अस्पताल भिजवाया गया ।

सदर अस्पताल में बाहर सेे आए संदिग्ध 28 लोगों की हुई जांच :  रविवार को सदर अस्पताल में बाहर सेे आए कोरोना वायरस से संदिग्ध 28 लोगों की जांच की गई । सदर अस्पताल में मौजूद चिकित्सक नेे बताया कि कोरोना वायरस से संदिग्ध 28 लोगों की स्कैनिंग की गई । वहीं   स्क्रीनिंग के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिलने पर सभी से अपील की गई की नौ दिन घर में ही होम क्वॉरेंटाइन में रहे एवं लॉक डाउन का पालन करे । कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हमें चेन को तोड़ना जरूरी है, इसलिए सभी से आग्रह है कि अपने घर में ही रहे, आवश्यक कार्य से ही घर से निकले एवं हमेशा अपने हाथ को साबुन या सेनीटाइजर से धोते रहें, मास्क का उपयोग करें, छीकते समय रुमाल का उपयोग करे ।

 सदर अस्पताल के चिकित्सक डा कुमार अनुपम ने बताया कि जो लोग बाहर से यात्रा कर आए हैं एवं उनमे बुखार, सर्दी, खांसी, दस्त जैसी कोई भी लक्षण रहता है तो उस मरीज का  स्क्रीनिंग किया जाता है । वही  स्क्रीनिंग के दौरान अगर कोई संदिग्ध मरीज पाया जाता है तो उसे आईशोलेशन वार्ड में कुछ दिनो तक रखा जाता है । जब उनकी तबियत में सुधार नहीं आती है तो उन्हें डीएमसीएच रेफर कर दिया जा रहा है । वहीं रविवार को छह मरीज को आईशोलेशन वार्ड में थे, बताया गया कि उनमें से दो मरीज को वापस घर भेज दिया गया है, जो कि पूरी तरह ठीक हो गए है ।  उनकी  स्क्रीनिंग के दौरान उनकी जांच निगेटिव आई ।


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