दरभंगा/बिहार : आज जाले प्रखंड के काजी अहमद डिग्री कॉलेज के मैदान में आयोजित एनआरसी व सीएए कानून के विरोध में आयोजित विपक्षी दल द्वारा आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद डॉ. शकील अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार देश को एनआरसी व सीएए कानून लाकर देश को बांटने की साजिश में जुट गया है। इस कानून को लाकर देश को लाखों दलित, गरीब, मुस्लिमो की नागरिकता छिनने की साजिश केंद्र सरकार ने रच दिया है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस द्वारा 1968 में असम में बंग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियो का हौवा खरा कर असम गण परिषद को सत्ता में लाया गया, लेकिन उक्त सरकार ने एक भी घुसपैठिए को नहीं निकाल सकी। भाजपा नीत असम सरकार ने एनआरसी कानून के तहत जांच कराया, जहाँ 19 लाख नागरिको को नागरिक रजिस्टर से नाम नहीं चढ़ा जिसमें 13 लाख हिन्दू व 7 लाख मुसलमान है। हिन्दू घुसपैठिए ज्यादा है। उन्होंने मोदी सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार बताया। वहीं बिहार विधनसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने अपने संबोधन में एनआरसी कानून को गरीबों, दलितों, आदिवासियो को उजाड़ने वाला कानून बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुर्सी कुमार है। यह सृजन घोटाला का मास्टर माइंड है। जल जीवन हरियाली का ड्रामा करने वाले मुख्यमंत्री की कुर्सी इस बार नहीं बचेगा। झारखंड जैसा बिहार में जनता इनका सुपरा साफ करेगा।
इस सभा को बेनीपट्टी की विधायक भावना झा, युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी शोएब, भाकपा माले के देवेंद्र कुमार, सीपीआई के जिला मंत्री नारायणजी झा, भीम आर्मी के भोला पासवान, शब्बीर अहमद बेग, कांग्रेस के आमिर इकवाल, बच्चू मिश्र, हम के नरेश चौधरी आदि ने संबोधित किया। मंच संचालन राजद नेता गुलाम मोज्जकीर खान ने किया।