मधेपुरा/बिहार : पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बीएनएमयू शिक्षकेत्तर कर्मचारी पेंशन भोगी समाज एवं बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के अवमाननावाद निर्णय के अनुपालन के लिए धरना दिया गया।
धरणास्थल पर कर्मचारियों द्वारा इस बाबत क्षोभ व्यक्त किया गया कि जब सुप्रीमकोर्ट के आदेशानुसार नवम्बर 2017 तक बकाये वेतनादि एवं पेंशनादि की राशियों का भुगतान किया जाना था, तो अब तक इन राशियों का भुगतान नहीं किया जाना सुप्रीम कोर्ट का अपमान है। जबकि लगातार इन दोनों संगठनों द्वारा अहिंसक प्रयास जारी रखा गया।
मालूम हो कि विश्वविद्यालय के पत्रांक द्वारा न्यायादेश के आलोक में वेतन निर्धारण कर सभी कालेजों से वेतनांन्तर विपत्र की मांग की गई और कालेजों द्वारा मांग विपत्र समर्पित भी कर दिया गया। इस निर्धारण के आधार पर हीं सप्तम वेतन पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ सहित राज्य सरकार के पास मांग विवरणी भी भेजा जा चुका है। किंतु वेतनांतर की राशियों का भुगतान नहीं किया जाना राज्यादेश एवं न्यायादेश का अपमान है। राज्य सरकार से इस बाबत राशि उपलब्ध कराने के बाद भी भुगतान नहीं किया जाना, विश्वविद्यालय के मनमानी का द्योतक है।
धरना के दौरान धरनास्थल पर बीएनएमयू कुलसचिव डा कपिलदेव प्रसाद यादव, डीएसडब्लू डा शिवमुनि यादव, विकास पदाधिकारी ललन अद्री, पीए शंभू नारायण यादव, शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुभाष प्रसाद सिंह, महासचिव अशोक कुमार यादव सहित अन्य अधिकारियों ने पहुंचकर कर्मचारी नेताओं से बातचीत कर, धरणार्थियों से आग्रह किया कि सभी पदाधिकारी मुख्यालय से बाहर हैं। इसलिए पांच दिसंबर तक धरना स्थगित किया जाय। पांच दिसंबर को समस्या का समाधान कर दिया जायेगा, जिसे वहांं मौजूद कर्मचारी नेताओंं के द्वारा तत्काल स्वीकार कर लिया गया और निर्णय लिया गया कि पांच दिसंबर को अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो, कुलाधिपति के आने पर दिक्षांत समारोह में मामला पेश किया जाएगा।
धरणास्थल पर मुख्य रूप से संयोजक हीरा कुमार सिंह, शिक्षकेत्तरकर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष त्रीभूवन प्रसाद सिंह, प्रक्षेत्र मंत्री प्रमोद कुमार, पेंशन भोगी समाज के अध्यक्ष दीपनारायण यादव, कृष्ण कुमार यादव, उत्तमलाल यादव, मो इदरिस, फुलेश्वर गुप्ता, श्यामसुंदर यादव, देवकांत सिंह, कपिल देव यादव, हीरा लाल यादव, मशीर उद्दीन, रणधीर मिश्रा, जीतेंद्र मिश्र, विष्णु देव कामत, कालेश्वर साह, प्रणव कुमार झा, चंद्रशेखर अधिकारी सहित सैकड़ों कर्मचारी नारेबाजी कर रहे थे।