मधेपुरा : संविधान के प्रति सचेत करना संविधान दिवस मनाने का मकसद

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : मंगलवार को मधेपुरा महाविद्यालय मधेपुरा के सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना के तीनों इकाइयों के द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य डा भगवान कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उप प्राचार्य डा भगवान कुमार मिश्रा सहित उपस्थित अन्य अतिथियों के द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

मौके पर उप प्राचार्य निकाह की आज संविधान दिवस है। आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को भारत गणराज्य का संविधान तैयार हुआ था। खासकर अंबेडकरवादी और बौद्धमतावलंबी पिछले कई दशकों से स्थिति को संविधान दिवस मनाते रहे हैं। हम सबों के लिए गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पहली बार वर्ष 2015 में इसे सरकारी तौर पर मनाने का कार्य किया। वर्ष 2015 का वर्ष संविधान सभा निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डा भीमराव अंबेडकर की 150 वीं जयंती वर्ष था। संविधान दिवस मनाने का मकसद भारत के आम नागरिकों को संविधान के प्रति सचेत करना, समाज में संविधान के महत्व का प्रचार प्रसार करना तथा डा भीमराव अंबेडकर के योगदान एवं उनके आदर्शों विचारों के बारे में जानकारी हासिल करना है।

 राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो विजेंद्र मेहता ने कहा कि आज के परिपेक्ष में जितनी भी समस्याएं हमसबों के बीच सुरसा की तरह मुंह फैलाए समस्याग्रस्त जनों को निगलने की बाट जोह रहा है, उसका भी समाधान संविधान भी समाहित है।

 मौके पर कार्यक्रम पदाधिकारी डा आरती झा, प्रो सच्चिदानंद सचिव, प्रो मनोज भटनागर, प्रो चंदेश्वरी प्रसाद यादव, प्रो देवेंद्र कुमार, प्रो कुमारी किरण, प्रो सदानंद यादव, प्रो ब्रजेश कुमार मंडल, प्रो आरिफ हुसैन, प्रो लीला कुमारी, प्रो अभय कुमार, विभास कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।


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