मधेपुरा/बिहार : ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के राजकीय अम्बेडकर कल्याण छात्रावास में संविधान दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता छात्रावास अधीक्षक, टीपी कालेज राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष सह बीएनएमयू सीनेट एवं सिंडीकेट सदस्य डा जवाहर पासवान ने की।
उन्होंने कहा कि 1949 में आज ही के दिन बाबा साहेब डा आंबेडकर ने राष्ट्र को वह महान संविधान सौपा था. संविधान की उद्देश्यिका में भारत के लोगों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुलभ कराने की घोषणा की गयी थी। किन्तु संविधान सौंपने के एक दिन पूर्व अर्थात 25 नवम्बर 1949 को उन्होंने इसे लेकर संसद के केन्द्रीय कक्ष से राष्ट्र को चेतावनी भी दिया था। डा अंबेडकर ने कहा था कि 26 जनवरी 1949 को हम राजनीतिक रूप से समान किन्तु आर्थिक और सामाजिक रूप से असमान होंगे. जितना शीघ्र हो सके, हमें यह भेदभाव और पृथकता दूर कर लेनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो जो लोग इस भेदभाव के शिकार हैं, वे राजनीतिक लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा देंगे। जिसे इस संविधान निर्मात्री सभा ने इतनी मेहनत से बनाया है। उन्होंने कहा कि हमें यह स्वीकारने में कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए कि स्वाधीन भारत के शासकों ने डा आंबेडकर की उस ऐतिहासिक चेतावनी की प्रायः पूरी तरह अनेदखी कर दिया, जिसके फलस्वरूप आर्थिक और सामाजिक गैर-बराबरी, जो कि मानव जाति की सबसे बड़ी समस्या है, का भीषणतम साम्राज्य आज भारत में कायम हो गया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि जनसंपर्क पदाधिकारी डा सुधांशु शेखर ने कहा कि डा अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से समतामूलक समाज के निर्माण का माॅडल प्रस्तुत किया है। हम सबों को मिलकर डा अंबेडकर के विचारों एवं कार्यों को आगे बढ़ाना है।
इस अवसर पर राजहंस राज, राजकुमार रजक, सुभाष कुमार सुमन, विकास कुमार पासवान, सनोज कुमार, सोरेन, नीतीश, चंदन, पिंटू, राजन, दीपक, विनोद, कुंदन, प्रिंस, शिवम्, अमित, विनीत, अनिल , सुनील, संतोष, ललन, सत्यम, सुदर्शन, पप्पू, विकास, सन्नी, गौरव, विभंजन, रौशन, मोहन एवं समस्त छात्र उपस्थित थे।