मधेपुरा : संविधान समान विधान, देश की आत्मा है संविधान- प्रधानाचार्य

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : संविधान का अर्थ है सम अर्थात् बराबर विधान जाहिर है कि संविधान के माध्यम से पूरे देश के लिए एक विधान लागू किया गया है।

यह बात ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो डा केपी यादव ने कही. वे मंगलवार को संविधान दिवस पर राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में महाविद्यालय के शिक्षक प्रकोष्ठ में आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे।  प्रधानाचार्य ने कहा कि संविधान के अनुसार देश के सभी व्यक्ति समान हैं. सूबों को एक समान अधिकार प्राप्त है। संविधान की प्रस्तावना में देश के सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय देने का संकल्प व्यक्त किया गया है। मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा जवाहर पासवान ने कहा कि संविधान देश की आत्मा है जो स्थान शरीर में आत्मा का है, वही स्थान देश में संविधान का है। इसलिए देश के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वह देश के संविधान की सुरक्षा करे।

– संविधान के मूल ढांचे की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी : डा मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में मानवीय मूल्यों का समावेश है. हमें संविधान के इन मूल्यों को आत्मसात करने की जरूरत है। डा उदय कृष्ण ने कहा कि हम सबों का यह दायित्व है कि डा अंबेडकर ने देशहित को ध्यान में रखकर संविधान बनाया है। अब हम सबों की यह जिम्मेदारी है कि हम संविधान के मूल ढांचे की रक्षा करें। कार्यक्रम की शुरुआत में सबों ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया।

इस अवसर पर शिक्षक संघ के सचिव डा मनोज कुमार मनोरंजन, डा गजेन्द्र कुमार, डा बीके सिंह, डा एके मल्लिक, डा मुमताज आलण, डा मनोज कुमार, डा रतनदीप, डा वीणा कुमारी, अरूण कुमार, डा मिथिलेश कुमार सिंह, खुशबू शुक्ला, प्रकृति कुमारी, गौरब श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क पदाधिकारी डा सुधांशु शेखर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम पदाधिकारी डा उपेन्द्र प्रसाद यादव ने की।


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