मधेपुरा : लचीले व्यवस्था के कारण वकीलों का स्वर्ग है, भारतीय संविधान

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा महाविद्यालय मधेपुरा के शिक्षा शास्त्र विभाग के द्वारा महाविद्यालय सभागार में संविधान दिवस के अवसर पर उप प्राचार्य डा भगवान कुमार मिश्रा के अध्यक्षता में कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर  किया गया।

अध्यक्षीय संबोधन में डा भगवान कुमार मिश्रा ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि संविधान के निर्माण में दो वर्ष 11 महीना 18 दिन का समय लगा। जिसमें बाबा साहेब की भूमिका हम सभी भारतीयों के लिए अविस्मरणीय है।  उनके अथक प्रयास से ही भारत का संविधान पूर्णरूपेण तैयार हुआ। बीएड विभाग के विभागाध्यक्ष डा कुमार विज्ञानानंद सिंह ने कहा भारत का संविधान भारत का सर्वोच्च विधान है, जो संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को पारित हुआ। इसलिए इस तिथि को ‘संविधान दिवस’ के रूप में घोषित किया गया। प्रो कुमार सौरभ ने कहा कि भारत का संविधान विश्व के किसी भी गनतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे, जिनमें स्थायी अध्यक्ष डा राजेंद्र प्रसाद तथा अस्थायी अध्यक्ष डा सच्चिदानंद सिन्हा थे। इनकी लचीले व्यवस्था के कारण भारतीय संविधान को वकीलों का स्वर्ग भी कहा गया।

 मौके पर प्रो शशि शेखर आजाद, प्रो मुकेश कुमार, प्रो ब्रजेश कुमार, प्रो संजीव कुमार, प्रो प्रेम कुमार, प्रो रंजू कुमारी, तरुण कुमार, मिथिलेश कुमार, आनंद कुमार के साथ-साथ छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे।


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