छातापुर/सुपौल/बिहार : अतिक्रमण की जद में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे जिले में सड़क हादसा को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता बिमल झा ने इसके लिए जिला प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया है । उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के घटनाक्रम को काफी हद तक कम करने के लिए प्रशासन और समाज दोनों को सजग होना होगा । इसके लिए जरूरी है कि सड़क सुरक्षा का ख्याल रखते हुए सभी सड़कों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए ख़ासकर मुख्य मार्ग पर दिन में नो एंट्री भी जरूरी है और जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती भी सड़क हादसा को कम कर सकता है । लेकिन जिला प्रशासन की आंखों के सामने महत्वपूर्ण बिजी सड़क पर आए दिन फैशन बना पाट का संठी, धान का पुआल एवं मवेशियों का मलवा सड़क अतिक्रमण कर रखा जाता है, जो हादसे के लिए खासकर मुख्य जिम्मेवार है । इतना ही नहीं खरीफ फसल धान हो या रब्बी फसल गेंहू या फिर मक्का किसानों द्वारा सड़क अतिक्रमण कर इन फसलों को तैयार करने से किसान बाज नहीं आ रहे हैं । इस ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट नहीं हो रहा है, ऐसा नहीं है कि उक्त रास्ते साहब का आना जाना नहीं होता है, लेकिन सब कुछ जान कर भी अनजान बने हुए हैं । जबकि इन सारी समस्याओं को लेकर दिन प्रतिदिन कई नौजवान साथी सड़क हादसे में अपनी जान गवां चुके हैं ।
श्री झा ने कहा कि साथ हि इस तरह के ह्रदयविदारक घटनाओं में मृतक के परिजनों को अनिवार्य रुप से आर्थिक सहायता अविलंब मिलनी चाहिए, जो कि विभागीय उदासीनता की वजह से चंद लोगों को सरकारी सहायता मिल पाता है अधिकांश गरीब परिवार इससे वंचित रह जाते हैं ।
उन्होंने जिला प्रशासन के साथ-साथ अनुमंडल पदाधिकारी विनय कुमार सिंह एवं छातापुर अंचल अधिकारी सुमित कुमार सिंह से प्रखंड क्षेत्र के एसएच 91 सहित ग्रामीण सड़कों के किनारे से शीघ्र अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है, साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे किसान जो सड़क किनारे थ्रेसर से सड़क की दिशा में अपनी फसल तैयार कर रहे हैं वैसे लोगो को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कारवाई करना सुनिश्चित करें । उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर अगर इस दिशा में प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं कि गई तो हम युवा साथी एक जुट होकर उग्र आन्दोलन के लिए सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे ।