किशनगंज की गुदड़ी में छुपा लाल, एशिया महादेश स्तर के “मेदांता अस्पताल” में कर रहा कमाल

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शशिकान्त झा
वरीय उप संपादक

किशनगंज/बिहार : किशनगंज जिले में गांव की आवोहबा में  जन्मे “किशनगंज  की गुदड़ी में छुपा लाल “एशिया महादेश स्तर के “मेदांता अस्पताल” में रोबोटिक सर्जन बनकर भारत में कमाल कर रहा है । जिनके ईलाज और आपरेशन से लोग रोज नई जिंदगियां जी रहे हैं ।                   

कोचाधामन प्रखंड के पैठानटोला बुढ़ीमारी के एक साधारण परिवार में जन्में डा. अजहर प्रवेज चार भाईयों में सबसे छोटे हैं। पिता मरहूम अलाउद्दीन, जिनके चार बेटे असलम प्रवेज, अकमल प्रवेज, अजमल प्रवेज और चौथे अजहर प्रवेज हुए । जिनकी पढ़ाई का सफ़र किशनगंज के ईंसान स्कूल से शुरु होकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आकर खत्म हुई। जहाँ इन्होने 1999 से 2004 तक जे एम सी एच में एम बी बी एस तक की पढ़ाई पूरी की। वहीं 2001 से 2004 तक अपनी मेहनत और लगन से अलीगढ़ के जे एन एम सी एच से एम एस की डिग्री हांसिल की। इसके बाद ये डी एन बी गंगाराम अस्पताल नई दिल्ली में 2006 से 2009 तक रहकर जेनरल सर्जन के रुप में गेस्ट्रोलाजी सर्जरी का कोर्स पूरा किया। इसके बाद ये 2009 से 2016 का सफर तय करते हुए “अमृता इन्सटीच्यूट आफ मेडिकल सांईंस, कोची (केरल) में कांस्लटेंट ट्रेंड सर्जन के रुप में रोबोटिक सर्जन बनने में सफलता पायी । आज ये प्रतिमाह गेस्ट्रोइन्टेसटाइन और पेनक्रियेटिक सर्जरी को काफी सफलता के साथ अंजाम देकर लोगों को बेहतर जिंदगियां देने में लगे हैं।

खासतौर पर आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के तहत डा.अजहर प्रवेज 03 डी लेपरोस्कोपिक, थोरोस्कोपिक, इसोफाजेकटोमिक, लेपरास्कापिक कांलेस्ट्राल कैंसर सर्जरी और बेरीएट्रीक सर्जरी के तहत इन्हें महारथ हांसिल है। जहाँ भारत सहित विदेशों से आये रोगी भी आज इनकी सेवा ले रहे हैं और ये अब मशहूर मेदांता अस्पताल में एसोसिएट डायरेक्टर के रुप में अपनी सेवाऐं दे रहे हैं । रोगियों की देखभाल एवं उत्तरदायित्व को निभाते ये इस मेंदांता जैसी संस्था की विख्यात पेसेंट केयर को आगे ले जा रहें हैं। ऐसोसियेट डायरेक्टर के रुप में डा.अजहर यहां पेनक्रियेटिक सर्जन के रुप में  अपनी टीम के सेवाभाव से मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

बकौल ऐसोसियेट चेयरपर्सन विख्यात डा.आदर्श चौधरी इन्हें मेंदांता के सफल सहयोगी मानते हैं। जहाँ डा.अजहर प्रतिमाह 250 कथित असाध्य रोगों का सफल सर्जरी कर अपने किशनगंज का नाम रौशन कर रहे हैं। जहाँ अब तक अपने इस लाल को ठीक से पहचान भी नहीं पाये हैं, जो भारत सहित विदेशों में भी बेहतरीन संस्था मेंदांता का नाम रौशन कर रहे हैं। जहाँ इनकी उपल्ब्धियों का बखान एक सांस में कर जाना आसान नहीं लगता है।


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