दरभंगा/बिहार : दरभंगा के चंदनपट्टी स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के सेटेलाइट कैम्पस में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्री त्यागराजन ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया उनका स्वागत शॉल और मौलाना आज़ाद का पोट्रेट भेंट देकर किया गया।
मीडिया प्रभारी जावेद अनवर ने बताया कि कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने खुशी का इज़हार किया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में इस कैम्पस में किए जा रहे इनोवेटिव कार्यो, शोध कार्यो और जल संरक्षण की योजना पर हो रहे कार्य की काफी सराहना की। उन्होंने मौलाना आजाद का भारतीय शिक्षा और समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए शिक्षकों और विद्यार्थियों को मौलाना आज़ाद के शिक्षा दर्शन और राष्ट्रीय एकता के दर्शन को आत्मसात करने की सलाह दी। ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी श्री वसीम अहमद ने मौलाना आज़ाद की राष्ट्रीय एकता और उनके शिक्षा दर्शन को जीवन में अपनाने की बात करते हुए पूरी दुनिया में आपसी प्रेम और भाईचारे की बात की।
दरभंगा के पूर्व सांसद एवं मानव संसाधन राज्यमंत्री अली अशरफ फ़ातमी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मौलाना आज़ाद के जन्मदिवस को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय हमलोगों ने ही अपने कार्यकाल में लिया था। उन्होंने अफसोस ज़ाहिर करते हुए कहा की मौलाना आज़ाद के योगदान को भुला दिया गया। लोगों ने हमारे राष्ट्रीय नेताओं को भी जाति और धर्म में बाँट कर रख दिया। उन्होंने कहा कि मौलाना आज़ाद ने अपनी जिंदगी का आधा हिस्सा हिंदुस्तानी समाज की एकता को बनाये रखने के लिए गुज़ार दिया। शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना आज़ाद ने आई आई टी, यू जी सी, ए आई सी टी ई, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बैंगलोर, ललित कला अकादमी का निर्माण कर महत्वपूर्ण काम को अंजाम दिया। उन्होंने ये भी कहा कि मेरा सपना है कि यह कैम्पस नम्बर वन बने।
बिहार मदरसा एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल क़य्यूम अंसारी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश ने मौलाना आज़ाद के जन्मदिन को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने में काफी देर कर दी। भारत में उनके शैक्षिक योगदान काफी अहम हैं जिसे आने वाली पीढ़ी को जानना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान का ज़िक्र किया। राष्ट्रीय एकता के उनके सिद्धांत पर चलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारतीय शिक्षा की बुनियाद मौलाना आजाद ने ही रखी थी। उन्होंने शिक्षा दिवस के अवसर पर देश के सभी धर्म एवं सम्प्रदाय को मिलजुल कर रहने की शपथ लेने की बात की। मानू कॉलेज ऑफ टीचर एफकेशन के प्राचार्य प्रोफेसर फ़ैज़ अहमद ने जिलाधिकारी को कैंपस की सभी समस्याओं से अवगत कराया एवं कुछ ज़रूरी डिमाण्ड की।
इस अवसर पर मानू सेटेलाइट कैम्पस दरभंगा के कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन, मानू पॉलिटेक्निक, मानू आई टी आई एवं मानू मॉडल स्कूल में रंगोली, क्रिकेट,वॉलीबॉल, निबंध, मेहंदी, हिंदी कविता पाठ, उर्दू नज़्म, बैतबाज़ी, म्यूजिकल चेयर, नाटक, स्लोगन लेखन, पेंटिंग्स, भाषण , क्विज आदि विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सभी विजेता प्रतिभागियों को अतिथियों के हाथों सम्मानित किया गया एवं प्रमाणपत्र का वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन आफताब अहमद अंसारी, आदिल अहमद खान एवं नाहिद हसन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन बेग मुंतजिब अली ने पेश किया।
इस अवसर पर डॉ मुज़फ्फर इस्लाम , डॉ शफ़ायत अहमद, डॉ फखरुद्दीन अली अहमद, डॉ ज़फर इक़बाल ज़ैदी, डॉ बेग मुंतजिब अली , अशोक कुमार बैठा, डॉ मजहरुल हक़ रही, तरन्नुम, डॉ अजित सिंह, बेबी कुमारी, गुफरान जीलानी, हाशिम अख्तर, डॉ शाहनवाज़ , साबिर अली, आसिफ अली, डॉ आफताब अहमद, राकेश कुमार आदि मौजूद थे।