मधेपुरा : आपात स्थिति में जलमग्न क्षेत्र में जीवन रक्षक उपाय की दी गई जानकारी

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आरिफ आलम
वरीय संवाददाता,
चौसा, मधेपुरा

चौसा/मधेपुरा/बिहार : जलग्रहण क्षेत्र या जलमार्ग में नाव का उपयोग सावधानी से करना चाहिए। नावों पर  क्षमता से अधिक सवारी बैठाने से दुर्घटना की संभावना होती है । लिहाजा जीवन रक्षा के लिए एहतियात जरूरी है।

       उक्त बातें स्थानीय महादेव लाल मध्य विद्यालय, चौसा के प्रधानाध्यापक सचिन्द्र पासवान ने कही । वे आज शनिवार को विद्यालय में आयोजित सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम के प्रशिक्षण सत्र को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि बाढ़ क्षेत्र में नाव दुर्घटना अधिक होती है । नाविक सहित आमलोगों को जागरूक होने की जरूरत है ।

   वरीय शिक्षक यहिया सिद्दीकी ने कहा कि नावों क्षमता से अधिक सवारी नहीं बैठाना चाहिए । इसके अलावा नाव यात्रा के दौरान शांत बैठना चाहिए । अन्यथा संतुलन बिगड़ने से नाव दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है । शिक्षक प्रणव कुमार ने कहा कि जलग्रहण क्षेत्र में विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है । यदि कोई व्यक्ति पानी में डूब जाए तो बचाव के लिए दक्ष गोताखोरों से ही मदद लेनी चाहिए ।

    सनद रहे कि सर्वोच्च न्यायालय  के न्यायादेश के आलोक में विद्यालयों में आपदा से बचाव की जानकारी के लिए  सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है । इस बाबत आज शनिवार को महादेव लाल मध्य विद्यालय, चौसा में फोकल शिक्षक भालचन्द्र मंडल और रीणा_म कुमारी के  द्वारा शिड्यूल के मुताबिक बच्चों को  “नाव दुर्घटना एवं पानी में डूबने से बचाव”  के संदर्भ में जानकारी दी गई । इस दौरान आपात स्थिति में जलमग्न क्षेत्र में जीवन रक्षक उपाय “माॅक ड्रील”  के माध्यम से बताया गया ।

    मौके  पर प्रधानाध्यापक सचिन्द्र पासवान,  शिक्षक सत्यप्रकाश भारती, यहिया सिद्दीकी, प्रणव कुमार,भालचंद्र मंडल,  फैयाज अहमद,  शिक्षिका मंजू कुमारी, नुजहत परवीन,रीणा कुमारी,  श्वेता कुमारी सहित बाल प्रेरक व बाल संसद के सदस्यगण तथा छात्रगण उपस्थित थे ।


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