अगर उन्नति चाहते हैं तो अपने कर्मों एवं विचारों में इस्लाम को उतारें : अमीर-ए- शरीयत

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⇒ सहरसा बस्ती के ईदगाह मैदान में भव्य इजलास-ए-आम में अमीरे शरीअत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी एवं उलमा की तक़रीर   

प्रेस विज्ञप्ति

सहरसा/बिहार : आप सब लोग उम्मत के जिम्मेदार लोग हैं  आप सब को अपनी एवं अपनी कौम एवं समाज  की उन्नति के लिए काम करना है । और इस रास्ते में आने वाली मुसीबतों एवं समस्याओं को सब मिल जुल कर दूर करना है । आज हमारा यह हाल है कि कोई कठिनाई आती है तो कहते हैं कि हमारा कोई नेता नहीं है । नेता का मामला नहीं है बल्कि मान कर चलने का मामला है हमारे अंदर दूसरे की बात मान कर चलने की कमी है हम चाहते हैं कि केवल हमारी राय ऊपर रहे और दूसरे कि राय हम सुन्न नहीं चाहते इसी कारण हर जगह भेदभाव एवं मतभेद है। इस लिए अपने अंदर मानने की भावना पैदा कीजिए एवं सब मिल जुल कर एकजुट हो कर रहिए इसी में आप सब की कामयाबी है

यह पैगाम अमीरे शरीयत बिहार ओड़ीशा एवं झारखंड , ऑल इंडिया मुस्लिम प्रसनल लॉ के महा सचिव एवं ख़ानक़ाह रहमानी मुंगेर के सज्जादा नशीं मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने सहरसा बस्ती के ईदगाह मैदान मे 07 नवंबर को आयोजित भव्य इजलास-ए- आम में आए हजारों लोगों के बीच दिया । ज्ञात हो कि सहरसा में इमारत शरिया के नक़ीबों , नायब नक़ीबों , इमामों, मदरसा एवं स्कूल के शिक्षकों एवं बुद्धिजीवियों का दो दिवसीय तरबियती एवं प्रशैक्षणिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिस का चौथा एवं अंतिम सेशन भव्य इज़लासे आम के तौर पर ईद गाह मैदान शरसा बस्ती  में आयोजित हुआ  जब कि बाकी के तीन सेशन मैरिज गार्डेन सहरसा बस्ती में आयोजित किए गए।

इस इजलास से अपने सदारती तकरीर के दौरान अमीरे शरीयत ने कहा कि इस देश में मुसलम इस लिए परेशान नहीं हैं कि वह अल्प संख्यक हैं , इस देश में मुसलमान कभी भी बहुसंख्यक नहीं रहे लेकिन उस के बावजूद जब उन की संख्या आज के मुक़ाबले में काफी कम थी उस समय इस देश की सत्ता अल्लाह ने उन के हाथों में सौंपी क्यूँ कि उस समय उन का आचरण अच्छा था उन के कर्म अछे थे उन के अंदर सच्चाई , ईमानदारी , न्याय एवं मजबूत ईमान था आज हमारा ईमान कमजोर है हमारे आचरण खराब हो गए जिस कि वजह से हम लोग समस्याओं में घिर गए । आप ने तमाम लोगों से अपने अंदर तबदीली लाने एवं सत्य एवं निष्ठा के साथ समाज की सेवा करने का आह्वान किया । मौलाना मोहम्मद सनाउल होदा क़समी उप सचिव एवं शरिया ने अपने वक्तव्य में शिक्षा की अहमियत एवं ज़रूरत पर ज़ोर दिया एवं कहा कि इस्लाम ने शिक्षा को फर्ज़ करार दिया है । और इस की बड़ी अहमियात कुरान एवं हदीस में है। मौलाना शमशाद रहमानी उसताज दारुल उलूम वक्फ देवबंद ने कहा कि हम लोग इस लिए समस्याओं मे घिर गए क्यूँ कि हम ने अल्लाह की किताब यानी कुरान को छोड़ दिया । इस लिए कुरान पर अमल कीजिए एवं अपने आचरण , कर्म , विकारों एवं रवैयों में सही इस्लाम का नमूना पेश करें  । मौलना नज़र तौहीद मुजाहिरी ने भी अपने भाषण मे माता पिता के साथ बेहतर सलूक करने उन की सेवा करने की अपील की ।

मौलाना सोहराब नादवी उप सचिव इमारत शरिया ने समाज में प्रचलित बुराइयों जैसे जुआ, शराब, तिलक एवं जहेज़, सूद इत्यादि को समाप्त करने का आह्वान किया । मौलाना कमर अनीस कासमी ने अपने वक्तव्य में इमारत शरिया के विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे कारनामों का उल्लेख किया । मौलाना अहमद हुसैन कासमी ने अपन्ने वक्तव्य में इमारत शरीया के शोबा-ए- तंजीम का उल्लेख करते हुए उस से जुडने का आह्वान किया । इस इजलास का आरंभ कारी अब्दुल कुद्दूस साहब की तिलावत से हुआ मंच संचालन मौलाना मुफ़्ती सोहराब नदवी ने किया मौलाना इजहारुल हक काज़ी शरीयत लीलजा एवं मौलाना मोहम्मद युसुफ साहब काज़ी-ए- शरीयत मुस्तफा नगर सहरसा ने  इजलास के भव्य एवं कामयाब आयोजन पर सभी लोगों को धन्यवाद दिया ।

इस इजलास को कामयाब बनाने में इस्तिक्बालिया कमिटी के अध्यक्ष डा0 अबुल कलाम , उपाध्यक्ष प्रो0 मो0 ताहीर, कोषाध्यक्ष महबूब आलम उर्फ जीबू ,  डा0 मो0 तारिक  , मोहम्मद आज़ाद ,अब्दुस्समद रहमानी , मौलाना मुजम्मिल  हुसैन कासमी ,मौलाना सोहराब नदवी, मोहम्मद आजम , मुजफ्फर आलम, मौलना शोएब आलम रहमानी , फ़ैसल अब्दुल्लाह , फिरोज आलम ,महबूब रहमानी , अब्दुल कादिर कासमी , नौशाद आलम कासमी , अब्दुल हक , मौलाना युसुफ कासमी, मौलाना इजहारुल हक कासमी, मुमताज़ आलम रहमानी के इलावा इस्तिक्बालिया कमिटी के सभी सदस्यों , सभी ब्लॉकों के स्वयं सेवकों , एवं मुखलिस नौजवानों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया । इस इजलास के साथ ही इमारत शरिया का जिला मधेपूरा, सुपौल एवं सहरसा का 6 दिवसीय विशेष प्रशिक्षणीक कार्यक्रम समाप्त हुआ ।         


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