नालंदा/बिहार: जिला मुख्यालय बिहार शरीफ के अस्पताल मोड़ पर भाकपा माले की ओर से एक धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता भाकपा माले के जिला सचिव सुरेंद्र राम ने की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डीटेंशन कैम्प में हुई मौतों के खिलाफ और नागरिक संशोधन बिल्ली बापस के मांग पर राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत धरना दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि असम के डीटेंशन कैम्प में 27 मौतें हो चुकी है इसकी जवाब मोदी-शाह को देना होगा और हर हाल में नागरिकता संशोधन बिल को वापस लेना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक NRC नहीं सहेंगे, लोगों की नागरिकता पर खतरा नहीं सहेंगे, असम के डीटेंशन कैम्पों में NRC के फ़ाइनल सूची से पहले 25 लोगों की, और उसके बाद दुलाल चंद्र पाल और फालू दास की मौतें हुईं है। दुलाल पाल और फालू दास के परिवार ने उनके शव लेने से इंकार करते हुए कहा है कि अगर वे बांग्लादेशी थे, तो बांग्लादेश में उनके परिवार को तलाशिये, और शव को बांग्लादेश भेजिए, अमित शाह अब देश भर में NRC लागू करवाने पर आमादा हैं, जिसमें हर किसी को कागज़ात के जरिए साबित करना होगा कि 1951 में उनके पूर्वज भारत में वोटर थे।
अमित शाह हर राज्य में डीटेंशन कैम्प खुलवा रहे हैं- महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में ऐसे कैम्प बन रहे हैं गरीब तो बीपीएल की सूची, वोटर लिस्ट, आधार से भी बाहर रह जाते हैं। वे 1951 के उनके पूर्वजों के कागज़ात कहाँ से लाएंगे, अगर न ला पाएं तो उन्हें डीटेंशन कैम्प में डाला जाएगा. मोदी – शाह कह रहे हैं कि अगर आप मुसलमान हैं तो आपको देश से निकाल दिया जाएगा, पर अगर आप हिन्दू या गैर मुसलमान हैं, तो हम नागरिकता कानून में संशोधन करके आपको शरणार्थी मान लेंगे, तो देश के नागरिकों पर खतरा है कि उन्हें या तो डीटेंशन कैम्प में मारा जाएगा, या नागरिक के बजाय शरणार्थी बना दिया जाएगा। भारत भर में NRC की योजना और नागरिक संशोधन बिल वापस लिया जाए।
इस धरना को संबोधित करने वालों में मनमोहन सिंह, मकसूदन शर्मा, सुनील कुमार, लौंगी शर्मा, रामदेव प्रसाद चौधरी,पाल बिहारी लाल के अलावे दर्जनों पार्टी कार्यकर्ताओं ने धरना को संबोधित किया।