मधेपुरा : प्रखंड स्तरीय  एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

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कौनैन बशीर
वरीय उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : उदाकिशुनगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित कार्यालय परिसर में गुरूवार को प्रखंड स्तरीय रबी कर्मशाला सह एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बीएओ उमेश बैठा की अध्यक्षता में किया गया। इसका उद्घाटन बीडीओ मुर्शिद अंसारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी उमेश बैठा, जदयू प्रखंड अध्यक्ष जनार्दन राय, पूर्व प्रमुख विकाशचंद्र यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

प्रशिक्षण में बीडीओ मुर्शिद अंसारी ने कहा कि किसानों को पुराने पद्धति को भूलकर नए पद्धति से आगे बढ़ने का जरूरत है। चूंकि हमलोगों की वह जमीन नहीं रही जो पहले थी। अब उसमें काफी बदलाव आया है। इसलिए किसान नए तकनीक से खेती करेगा तो उपज जरूर बढ़ेगी। उन्होंने कृषकों से जैविक खेती करने की सलाह दी। बीइओ उमेश बैठा ने उपस्थित किसानों से बदलाव के साथ साथ खेतों में भी बदलाव हुआ है उन्होंने कहा कि इससे पहले भी जैविक आधारित खेती होती थी। लेकिन परिस्थिति ऐसा आया कि हरित क्रांति की ओर अग्रसर होना पड़ा। खेती में रसायन का प्रयोग बढ़ा और शंकर प्रभेदों का अधिक से अधिक उपयोग होने लगा।

इससे हमारी आवश्यकता की पूर्ति तो हुई, परंतु भूमि तथा पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और हम पुन: जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। क्योंकि यह समय की मांग है। जैविक खेती जो वर्तमान खेती से स्थाई खेती की दिशा में जाने को हमें प्रेरित करती है जो हमारी खेती को टिकाऊ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जैविक खेती का अर्थ विज्ञान द्वारा खोजे गए प्रकृति के रहस्य व वरदान का कृषि क्षेत्र में उपयोग कर उत्पादन को उचित स्तर पर स्थाई रूप से प्राप्त करना है।

इस दौरान पूर्व प्रमुख विकाशचंद्र यादव ने कहा कि जैविक खाद फसल की गुणवत्ता के साथ-साथ भूमि की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करते हैं। इसलिए सभी लोग जैविक आधारित खेती पर अधिक से अधिक बल दें। समय बदल रहा है और खेती करने का ढंग भी बदल रहा है। आज वैज्ञानिक तरीके से खेती की जा रही है। इस तरह की खेती से किसान अधिक से अधिक उपज लेकर समृद्ध हो रहे हैं।

वही जदयू प्रखंड अध्यक्ष जनार्दन राय ने कहा कि इससे पहले किसान पारंपरिक तरीके से खेती किया करते थे। लेकिन अब किसान समय के साथ अच्छी पैदावार के लिए वैज्ञानिक खेती करना शुरू कर दिया है। लेकिन इस बदलते परिवेश में यदि कृषक कृषि वैज्ञानिक के सलाह के अनुसार खेती करे तो अधिक फसल उपजाकर अधिक लाभ ले सकते हैं।

वही कृषि वैज्ञानिक ने किसानों से किट प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, रोग व्याधि नाश सहित अन्य प्रकार की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज भी किसान बीज तथा दाना में अंतर नहीं कर पाते हैं। परिणाम स्वरूप ज्यादातर किसान बाजार से निम्न श्रेणी का बीज से ही खेती करते हैं। जहां सत्यापित बीज के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने किसानों से कहा कि आधार बीज या प्रमाणिक बीज से ही खेती करें। ऐसे बीज का उत्पादन किसान को स्वयं करना चाहिए। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र मधेपुरा से सम्पर्क कर कृषकों की सहभागिता से बीज उत्पादन तथा बीज ग्राम को बढ़ावा देकर आधार बीज या प्रमाणित बीज स्वयं तैयार करके बीजों के मामले में आत्म निर्भर हो सकते हैं। साथ ही कृषकों को रबी फसल उत्पादन के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।

 मौके पर युवा राजद प्रखंड अध्यक्ष रमण कुमार यादव, सुबोध चौधरी उर्फ गनगण, पूर्व जदयू प्रखंड अध्यक्ष कमलेश्वरी मेहता, पूर्व राजद प्रखंड अध्यक्ष अयुब अली, कमरुल होदा, मोहम्मद कसीर उद्दीन, सुनील मंडल, प्रखंड समन्वयक मनोज कुमार, अमरपति निरंजन, अर्पणा कुमारी, किसान सलाहकार परमानंद मंडल, धर्मेंद्र कुमार, अनिल पाठक, महताब आलम, संदीप पासवान, राज किशोर कुमार, बैजनाथ सिंह, सहित अन्य मौजूद थे।


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