गोपालगंज/बिहार : जिले के पंचदेवरी प्रखंड के ग्राम कपुरी,थाना कटेया निवासी मुसाफिर अली के पुत्र स्व.अली मोहम्मद की रविवार को वतन वापसी हो गई। वे लगभग साढ़े पांच वर्षों से सऊदी अरब में फंसे हुए थे और मस्तिष्क आघात के कारण विगत एक वर्ष से अस्पताल में भर्ती थे।
बताया जाता है कि घर की माली हालत सुधारने हेतु मुंबई के एक एजेंट द्वारा उपलब्ध कराए गए वीजा पर वे कमाने के लिए दो साल के कॉन्ट्रैक्ट पर सऊदी अरब गए थे। सऊदी अरब जाने के बाद कुछ दिनों तक कंपनी द्वारा उन्हें सैलरी इत्यादि समय पर दी गई परन्तु वीजा अवधि खत्म होने के पूर्व ही कंपनी द्वारा उनका पासपोर्ट व अन्य आवश्यक कागजात छीन लिया गया जिससे वे अवैध हो गए। जब उन्होंने कंपनी पर इस बाबत दबाव बनाया तो कंपनी द्वारा उन्हें काफी प्रताड़ित किया जाने लगा, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने परिजनों को दी। इसी प्रकार कुछ दिन बीता। प्रताड़ित होने के कारण और दिमागी दबाव के कारण उन्हें मस्तिष्क आघात की समस्या हो गई जिसके कारण उन्हें रियाद स्थित एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
इस बात की जानकारी जब उनके घर वालों को हुई तो उन्होंने तमकुहीराज के राजस्व न्यायालय में बतौर अधिवक्ता कार्य करने वाले संजय गुप्ता, राजनारायण पांडेय एवम् कलामुद्दीन अंसारी से संपर्क किया गया। उक्त तीनों व्यक्तियों ने इस मामले की जानकारी अरविंद सागर के द्वारा संचालित प्रवासी भारतीय मदद समूह निः स्वार्थ को दी और पीड़ित की वतन वापसी हेतु आवश्यक कागजात मुहैया कराया।
प्रवासी भारतीय मदद समूह निः स्वार्थ के हस्तक्षेप के पश्चात भारतीय विदेश मंत्रालय एवं रियाद स्थित भारतीय दूतावास की संयुक्त कार्यवाही शुरू हुई। इस मामले में लगभग दो महीने का ट्रायल वहां के स्थानीय कोर्ट में चला और अंततः मुसाफिर अली की वतन वापसी का रास्ता साफ हो सका। उल्लेखनीय है कि मुसाफिर अली द्वारा वतन वापसी की उम्मीद खत्म हो चुकी थी एवं उनके परिजन भी काफी हताश और निराश थे।
मुसाफिर अली के वतन वापसी के कारण उनके घर और क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रवासी भारतीय मदद समूह निः स्वार्थ के संचालक अरविन्द कुमार सागर,मीडिया प्रभारी विजय मद्धेशिया,समूह के अति अहम सदस्य जनाब नाजीर हुसैन, सहाबुद्दीन अंसारी,अविनाश, औरंगजेब,कुलदीप, जेडी अंसारी, मो.कैश के अतिरिक्त पत्रकार राकेश कुमार सिंह,रामबहादुर का इस महत्वपूर्ण कार्य में अत्यंत ही उल्लेखनीय योगदान रहा।
ज्ञात हो कि प्रवासी भारतीय मदद समूह निः स्वार्थ द्वारा अब तक लगभग 441 विदेशों में फंसे युवकों की वापसी कराई जा चुकी है जो अपने आप में एक बड़ा ही नेक काम है।