मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू मे पीजी नामांकन सलेक्शन लिस्ट में व्यापक स्तर पर धांधली हुई है। लिस्ट में ज्यादा प्रतिशत अंक वाले मेधावी छात्र को बाहर कर कम प्रतिशत अंक वाले छात्रो का नाम लिस्ट मे देना साफ दर्शाता है कि बीएनएमयू में शिक्षा माफिया हावी है और यहां मेधा पर पैरवी पुत्र और पैसातंत्र हावी है। पीजी नामांकन मेधा सुची में धांधली विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई प्रश्नचिह्न खड़ा होता है।
उक्त बाते एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही। उन्होंने कहा कि कोशी जैसे पिछड़े इलाके में छात्र स्नातक और स्नातकोत्तर करना एक बड़ी चुनौती होती है और ऐसे स्थिति में स्नातकोत्तर के नामांकन सलेक्शन लिस्ट में मेधावी छात्र को दरकिनार करना बीएनएमयू प्रशासन को महंगा पड़ेगा।
एनएसयूआई राष्ट्रीय संयोजक छात्र नेता मनीष कुमार ने कहा कि कुलपति बताए कि 76, 70 व 69 प्रतिशत वाले छात्र को लिस्ट से बाहर कर 64 प्रतिशत अंक वाले छात्र को किस आधार पर चयन किया गया। आखिर विश्वविद्यालय प्रशासन का चयन का पैमाना क्या है। मनीष ने सवालिया निशान साधते हुए कहा कि विश्वविद्यालय मे शिक्षा माफिया का एक बड़ा रैकेट सक्रिय है, जो छात्रहित और विश्वविद्यालय को दीमक के तरह खा रहा है। मनीष ने कहा कि लिस्ट में गरबरी के संदर्भ में जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मोबाइल पर बात किया तो स्वीकार किया कि गलती हुई होगी। अधिकारियों ने कहा कि जिन छात्रों को अच्छे अंक होने के बावजूद मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आया है वह आवेदन दें। मनीष कुमार ने कहा कि कोई छात्र आवेदन नही देगा। विश्वविद्यालय प्रशासन मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई करे और फिर से लिस्ट जारी करे।
एनएसयूआई नेता मनीष कुमार ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन छुटे हुए छात्रो का नई सूची जारी नही करती है तो मामले को कोर्ट में ले जाएंगे और विश्वविद्यालय क्षेत्राधिकार के सभी जिला मे एकसाथ जोरदार आंदोलन होगा। वही मनीष ने विश्वविद्यालय नोडल पदाधिकारी के द्वारा दी गई बयान की छात्र साक्ष्य प्रस्तुत करे पर गहरी निंदा जाहिर करते हुए कहा कि एक तो छात्रो को विश्वविद्यालय प्रशासन प्रतारित करती है और ऊपर से साक्ष्य चाहिए, तो सैकड़ो छात्रो अब विश्वविद्यालय नही अब कोर्ट मे साक्ष्य पेश करेगा।
इस बाबत विवि नोडल पदाधिकारी डा अशोक कुमार ने कहा कि जिन छात्रों को लगता है कि उनको अधिक अंक रहने के बावजूद नामांकन लिस्ट में नाम नहीं आया है तो सारे कागजात के साथ विवि में संपर्क करें। छात्र विवि पहुंच कर अधिकारियों से संपर्क कर भी रहे हैं। उनके समस्याओं का समाधान किया भी जा रहा है। ऑन स्पोर्ट छात्रों की समस्याओं को सुनकर उनको समझाया जा रहा है।