किशनगंज/बिहार : जिले के दिघलबैंक स्थित प्रखंड के अंतिम छोर पर जनता हाट में अवस्थित हैं मां मंगला काली का प्रसिद्ध मंदिर। जहां दीपावली के अवसर पर बिहार बंगाल एवं नेपाल से भी आये श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। जहां पर आने वाले लोगों के मन की मुरादें पूरी करती है मां मंगला काली।
सन 1984 के दशक में बहादुरगंज प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ रामानंद सिंह ने इस मंदिर की नींव डाली थी। जबकि इसके पूर्व इस मंदिर की जगह मां काली की स्थापना स्वर्गीय शीतल प्रसाद सिन्हा ने की थी एवं यह उनकी कुलदेवी कहलाती थी। किंतु मां काली की प्रेरणा से तत्कालीन बीडीओ ने स्थानीय स्वर्गीय मदन मोहन साह, कासिम बागी, उत्तम कुमार मित्तल एवं अन्य ग्रामीणों के सहयोग से स्वर्गीय शीतल बाबू की देखरेख में इस मंदिर का निर्माण कराया था।
इस मंदिर की महिमा एवं प्रेरणा से लोग काली पूजा के दिन मन्नते उतारने या मन्नत मांगने के लिए सैकड़ों की संख्या में यहां आते हैं। स्वर्गीय शीतल बाबू के बाद उनके पुत्र मिलन कुमार सिन्हा मंदिर की सारी जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं, पर कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर के सामने नए घरों के बन जाने से मंदिर की सुंदरता में कमी आ गई है, जिसे लोग सड़क पर से ही निहार कर अपना माथा झुका लेते थे। वहीं अब नए मकानों के बन जाने से मंदिर ओझल हो गया है।
यूं तो काली पूजा के अवसर पर मंदिर की भव्यता भक्तों के जुट जाने से बढ़ जाती है जहां तीन दिनों तक मेला लगता है।