मधेपुरा : पर्व के समय दुकानदारों को उजाड़ना अमानवीय और तानाशाही-फुटपाथ विक्रेता संघ

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : दुर्गा पूजा के दौरान छ: अक्टूबर को बिना जानकारी दिए शहर के मुख्य मार्गों के किनारे बसे फुटकर विक्रेता की दुकान तोड़ने और सामान नष्ट करने के विरोध में फुटकर विक्रेता लगातार तीन दिन से अपनी-अपनी दुकानें बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जमे रहे। साथ ही संघ के द्वारा निर्धारित प्रदर्शन भी जारी हैं।

इस मामले को लेकर शनिवार को नगर परिषद के मुख्य द्वार पर धरना आयोजित कर प्रदर्शन किया गया। मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष दिलीप पटेल ने कहा कि बिना सोंचे-समझे फुटपाथ विक्रेताओं को हटा देना न्याय नहीं है। इसके लिए प्रशासन को पहले उन्हें स्थापित करने के लिए जगह उपलब्ध कराना अनिवार्य था। प्रशासन ने बिना कुछ सोचे सभी फुटपाथ विक्रेताओं का सारा समान इधर-से-उधर बिखेर दिया। इससे विक्रेताओं को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा।

हड़ताल और विरोध प्रदर्शन का वीडियो यहाँ देखें :

बिना वेडिग जोन के फुटपाथ विक्रेता अपनी दुकान को लेकर जाएं कहां : दिलीप पटेल ने कहा कि फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले दुकानदार उसी दुकान को चलाकर अपना जीवन यापन करते है। दशहरा मेले में दुकान हटाने से सभी दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है। नगर परिषद द्वारा फुटपाथ विक्रेताओं के वेंडिग जोन नहीं बनाए जाने के कारण लोग सड़क किनारे दुकान लगाते है। बिना वेडिग जोन के फुटपाथ विक्रेता अपनी दुकान को लेकर कहां जाएंगे। उन्होंंने बताया कि जब तक हमलोगों को न्याय नहीं मिलेगा तब तक संघ का आंदोलन चरणबद्ध चलता रहेगा।

 शहरी विक्रय समिति की सदस्या धनु देवी ने कहा कि नगर परिषद और जिला प्रशासन की गलत नीतियों के कारण शहर के 925 फुटकर विक्रेताओं का परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच रहा है। पर्व त्योहार के समय शहर के फुटकर विक्रेताओं पर नगर परिषद और जिला प्रशासन का डंडा उसकी तानाशाही रवैया को दर्शाता है। अतिक्रमण और सड़क जाम के नाम पर सैकड़ों परिवार को आजीविका छीनने वाली नगर परिषद का यह कृत्य सरकार के नियमों का खुलम खुला उल्लंघन है। यह सर्वोच्च न्यायालय का भी उल्लंघन है।

पर्व के समय दुकानदारों को उजाड़ा जाना अमानवीय : धनु देवी ने बताया कि राज्य सरकार के बिहार राज्य के फुटपाथ विक्रेता नियमावली 2017 के अनुसार नगर परिषद में शहरी विक्रय समिति का गठन किया गया है। जिसका बीते छह माह से बैठक नहीं हुआ है। बिना बैठक किए और बैठक में निर्णय लिए बिना यह अवैध काम किया गया है। जबकि शहरी विक्रय समिति के बैठक के बाद यह निर्णय लिया जाना चाहिए था।  सदस्यों के निर्णय के बिना ही दुकानदारों को हटाया गया है तथा उन पर बुलडोजर चलवा कर सामानों को नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व के अवसर पर फुटकर दुकानदारों के सामानों को नष्ट किया जाना समाज के लिए अमाननीय है।

मौके पर संघ के सचिव चंदेश्वरी मंडल, कोषाध्यक्ष अशोक साह, संघ के सुभाष चौक अध्यक्ष मो रउब, रीना देवी, सुमित्रा देवी, विद्यानंद राम, मो मोकीम, रविंद्र साह, मो कुर्बान, कॉलेज चौक अध्यक्ष मो कमरुद्दीन, मो जुबेर, मुन्नी खातून, बस स्टैंड अध्यक्ष गाशो मुखिया, धनु देवी, मंजू देवी, मो शमशेर, करपुरी चौक अध्यक्ष दिलीप यादव, मो शहजाद, विभा देवी, शकीला खातून, जहीरा खातून सहित अन्य लोग उपस्थित थे।


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