दरभंगा : अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ‘गर्ल्स मार्च टू स्कूल’ अभियान

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ज़ाहिद  अनवर (राजु)
उप संपादक

दरभंगा/बिहार : अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौक़े पर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फ़ाउंडेशन एंव स्थानीय संस्था महिला जागृति संस्थान अपनी प्रमुख 100 मिलियन पहल के तहत ‘गर्ल्स मार्च टू स्कूल जागरुकता’ अभियान किया।

इस अभियान में स्थायीन रामन्नदन मिश्र बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य शियाराम प्रसाद, बचपन बचाओ आन्दोलन की जिला कोडिनेटर इन्दिरा कुमारी, महिला  हेल्पलाइन अज़मतुन निशा, विज्ञान शिक्षक पवन कुमार झा, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्र, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फ़ाउंडेशन के प्रेम शंकर झा, सामाजिक कार्यकर्ता फवाद गजाली, डाँ. रेडी फाउंडेशन के चंद्रवीर यादव, ने हरी झंडी दिखाकर बच्चियों को विद्यालय परीसर से रवाना किया जिसमे बडी संख्यों में लड़कियों ने भाग लिया।

रैली की शुरुआत रामन्नदन मिश्र बालिका उच्च विद्यालय से दरभंगा समाहरणालय से विद्यालय में वापस आकर समापान हुआ। इस क्रम मे लड़कियों नें जिलाधिकारी को ज्ञापन पत्र सौंपा जिसका उदेश्य “ शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत बालिकाओं की आयु 14 से बढाकर 18 वर्ष तक की आयु की जाए”।

ज्ञात हो कि 11 अक्टूबर 2012 से अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस को चिह्नित करने के लिए, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन ने 18 वर्ष की आयु तक की लड़कियों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर गर्ल्स मार्च टू स्कूल देशव्यापी जागरूकता अभियान शूरु किया। इसे “नेशनल डे ऑफ एक्शन” कहते हुए मार्च के माध्यम से दरभंगा जिले में 05 स्कूलों और कम से कम 300 लड़कियों तक पहुंचाया गया। बचपन बचाओ आन्दोलन की जिला कोडिनेटर इन्दिरा कुमारी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि भारत के संविधान के तहत “6-14 वर्ष की आयु के बीच सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा एक मौलिक अधिकार है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में 62.1 मिलियन बच्चे स्कूल से बाहर हैं। ” इन्दिरा कुमारी ने आगे बताते हुए कहा कि “14-18 वर्ष की आयु के बीच, 28% लड़कों की तुलना में 32% लड़कियों का नामांकन नहीं होता है। राज्यों को आर.टी.ई अधिनियम के माध्यम से अनिवार्य शिक्षा को लागू करना चाहिए क्योंकि इससे न केवल 14-18 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों की स्कूल ड्रॉप-आउट दर कम होगी, बल्कि सामाजिक बुराइयों के लिए उनके जोखिम को भी सीमित किया जाएगा जिसमें बाल तस्करी, बाल विवाह और बाल श्रम शामिल हैं।

इस अवसर पर लड़कियों में पुजा कुमारी, प्राची कुमारी आदि ने भाग लिया। इस आयोजन को सफल बनाने में दरभंगा के यातायात थाना और लहेरीयसराय थाना ने भी अपना भरपूर योगदान दिया।


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