मधेपुरा : सुरसर नदी उफान पर, महादलित बस्ती के लोगों का घरों से निकलना हुआ मुश्किल

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मुजाहिद आलम
संवाददाता
कुमारखंड, मधेपुरा

कुमारखण्ड/मधेपुरा/बिहार : सुरसर नदी में जल स्तर बढ़ने से कुमारखंड प्रखंड के कई गाँव इस सुरसर नदी के पानी की चपेट में आ गया है। वही बिशनपुर बाजार पंचायत स्थित वार्ड नं 07, 13 महादलित टोला और बिशनपुर सुंदर पंचायत के मनखाहा गांव नदी के पानी से पूरी तरह घिर चुका है। इन गांव को जाने वाली कच्ची सड़क में बने कटान और खेत खलिहान के साथ-साथ गांव जाने वाले रास्ते जल से भर चुके हैं। जिससे जन जीवन को पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। आजादी के 72 वर्ष गुजरने के बाद  भी  महादलित  बस्ती टिकुलिया वार्ड नंबर 13 के लोग  आज भी पक्की सड़क के लिए  तरस रहे हैं। ये महादलित बस्ती के करीब 2000 की आबादी एक अदद पक्की सड़क के इंतजार में आज तक है लेकिन हर साल सड़क तो नहीं बन पाती पर सुरसर की उफान के कारण चारों ओर पानी से घिर कर ये लोग बाढ़ पीड़ित की भांति जीवन जीनेे को विवश जरूर हो जाते हैं।

इस महादलित  टोला के बच्चे, महिलाएँ, बूढ़े के लिए तो घर से निकलना मुश्किल हो गया है।  शनिवार की रात सुरसर नदी में बने चचरी पुल जलस्तर बढ़ने से बह गया। जो एकमात्र इस बस्ती के लोगों का आवागमन के लिए सहारा था और जिससे होकर गांव के लोगों का गांव से बाहर संपर्क बना हुुआ था। जिसके टूट जाने के बाद बस्ती के लोगों का संपर्क मुख्यालय से पूरी तरह से टूट गया है। एसएच 91 से महादलित बस्ती जाने वाली कच्ची सड़क में कटान में पानी भर जाने से गांव के लोग जान जोखिम में डालकर  किसी तरह आ जा रहे हैं। बस्ती के बच्चे के समक्ष स्कूल आने जाने की समस्या उठ खडी हो गई है। दूसरी और बिशनपुर सुंदर पंचायत के मनखाहा गांव जो सुरसर नदी के किनारे  बसा हुआ है, बरसात के इस मौसम में नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण चारों तरफ पानी से घिर चुका है। गांव जाने वााले रास्ते पर पानी भर चुका है। लोगों के समक्ष आवागमन की समस्या उठ खड़ी हो गई है। 

कहते है ग्रामीण : बिशनपुर बाजार वार्ड 13 निवासी शिक्षक बहादुर सरदार कहते हैं कि हर साल जलस्तर बढ़ने से इन गांव में रहने वाले लोग पानी से घिर जाते हैं, आलम यह है करीब 8 दिनों से इस बस्ती के बच्चे स्कूल पढ़ने नहीं जा पा रहे हैं।  महिलाएं और बुजुर्ग घर से नहीं निकल पा रहे हैं, वही नौजवान और अधेड़ उम्र के लोग किसी तरह जान जोखिम में डालकर आवश्यक कार्य के लिए टिकुलिया बाजार या अन्य जगह पर जाने को विवश हैं। वे कहते हैं कि अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे डॉक्टर के पास ले जाने में कितनी परेशानी हो सकती है इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। ग्रामीण और घाटवार भुमेश्वर सरदार कहते हैं कि आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था अविलंब की जानी चाहिए।  अंचल से नाव की मांग की गई है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। ग्रामीण जयकुमार सरदार, मोहम्मद अशफाक, लालू सरदार कहते हैं नियति बन चुकी है हर साल इस मौसम में इस तरह जीने की। सरकार इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं करती है जिसके कारण हर साल इस तरह की समस्या से जूझना पड़ता है। किसान मोहम्मद कलाम और स्थानीय निवासी किशुन सरदार कहते हैं कि पानी बढ़ने के कारण जनजीवन प्रभावित होने के साथ ही खेती की समस्या उत्पन्न हो गई है।

बहरहाल इस बाबत सीओ जयप्रकाश रॉय ने कहा स्थल जांच के लिए हल्का कर्मचारी भेजकर जाँच करवाते है, रिपोट आने के बाद कार्यवाही की जाएगी।


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