मधेपुरा : हल्की बारिश में भी किचरमय हो जाती है लक्ष्मीपुर से कुम्हारपुर जाने वाली सड़क, परेशानहाल कोई नहीं  

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⇒ कई दिनों तक सङक में बने गड्डे में जमा रहता है पानी 50 हजार आबादी का इसी जर्जर सड़क से होता है रोजाना गुजर 6 किलोमीटर लंबी है लक्ष्मीपुर से कुमारपुर तक जाने वाली सड़क  कुसहा त्रासदी में क्षतिग्रस्त सड़क चलने लायक भी नहीं 

प्रिंस कुमार मिठ्ठू
संवाददाता
बिहारीगंज, मधेपुरा

उदाकिशुनगंज/मधेपुरा/बिहार : अनुमंडल मुख्यालय को पूर्वी पंचायतों से जोड़ने वाली लक्ष्मीपुर-कुम्हारपुर पथ आवागमन के दृष्टिकोण से आज भी सुलभ नहीं है। पथ निर्माण के क्षेत्र में नित नए आयाम गढे़ जा रहे हैं। वहीं वर्षो से तकरीबन लाखों की आबादी को आवागमन की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। खास कर मानसून सत्र में यहा के लोग खस्ताहाल जीवन जीने को विवश होते हैं। कभी जर्जर पुल के कारण सङक पार करने की समस्या तो कभी सड़कों की दयनीय हालत लोगों की लाचारी का कारण बनता रहा है।

इस सड़क का निर्माण वर्ष 1980 और पचासी के बीच तत्कालीन विधायक सिंहेश्वरी मेहता ने करवाया था। वर्ष 2008 की कुसहा त्रासदी में क्षतिग्रस्त यह सड़क चलने लायक भी नहीं है। मुरलीचंदवा से सटे कटिंग पर पुलिया के त्रासदी में ध्वस्त हो जाने के बाद से लोग जान जोखिम में डालकर वर्षों आवागमन करते रहे। सालों संघर्षरत रहने के बाद मुरली चंदवा में करोड़ों की लागत से आरसीसी पुल का निर्माण स्वीकृत किया गया। लेकिन धीमी गति से पुल निर्माण कार्य होने से बरसात के दिनों में निर्माणाधीन पुल की डायवरसन लोगों के आड़े आ रही है। खासकर आने वाले बरसात के दिनों में निर्माणाधीन पुल के पास बने डायवर्सन के क्षतिग्रस्त होने पर यातायात बिल्कुल ही ठप हो जाएगी। डायवर्सन के आगे कुम्हारपुर बस्ती के समीप सड़क अपना अस्तित्व खो चुका है। बीच सड़क पर कीचड़ का अंबार लगा रहता है। नतीजतन पैदल चलना भी दूभर हो रहा है। पथ में कई जगह ऐसी स्थिति बनी है कि पैदल पथ गमन कर पाना असहज साबित होता है।

आपातकालीन स्थिति में लोगों को और अधिक बेचारगी का सामना करना पड़ता है। जहा एम्बुलेंस को भी पहुंचने में बदतर हालात का सामना करना पड़ता है। सुबे में सड़कों का जाल बिछ रहा है। वहीं इस महत्वपूर्ण सड़क की सुधि नहीं लिया जाना आम लोगों के समझ से परे हो रहा है। जबकि लाखों की आबादी वाले के क्षेत्र की लोगों की 6 किलोमीटर लंबी लक्ष्मीपुर से कुमारपुर पथ के इसी जर्जर सड़क से रोजाना आवागमन होता है। हल्की बारिश में भी यह पथ किचरमय हो जाती है। कई दिनों तक सङक में बनी गड्डे में जमी रहती है पानी। पानी के सरांध से आसपास के लोगों में फैल रही है बीमारी छात्र-छात्राएं विद्यालय जाने से भी कतराते हैं।

जद यु नेता अमर सिंह

जदयू नेता अमर सिंह ने बताया कि सड़क बनने से लेकर आज तक मरम्मत नहीं हुई है। थक हारकर सभी ग्रामीण के सहयोग से सड़क पर ईट के टुकड़े मिट्टी गिरवा कर सड़क को चलने लायक बनवाया यह सड़क अनुमंडल मुख्यालय से लक्ष्मीपुर होते हुए कुमारपुर जोतेली मंजौरा बीङीरणपाल, लक्ष्मीपुर लालचंद, नरदह और पूर्णिया जिले के अकबरपुर, रुपौली सहित विभिन्न पंचायतों और तक जाने की लाइफ लाइन है।

मृत्युंजय मेहता

कुम्हारपुर निवासी पूर्व सरपंच मृत्युंजय कुमार मेहता ने कहा की सड़क की हालत बिल्कुल उबर खाबर जर्जर और जानलेवा है। हर साल की कटाव से स्थानीय लोग त्रस्त है। हालांकि बाढ़ के बाद टास्क फोर्स के द्वारा हल्की-फुल्की मरम्मत का कार्य किया गया है। जगह-जगह ईट के टुकड़े और रावीश गिराए गए हैं। ईट और राविश डालने के कारण सड़क पहले से भी ज्यादा उबर-खाबर बदतर और जानलेवा हो गई है। सड़क पर गुजरने वाले राहगीर कीचड़ के कारण परेशान है जबकि बड़ी आबादी इस सड़क से होकर गुजरती है।

संतोष खान

मुरलीचंदवा के संतोष खान ने बताया कि कई बार संबंधित पदाधिकारियों को आवेदन दिया विधायक और सांसद से भी गुहार लगाई पर आश्वासन के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ। सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल है 10 वर्षों  से सिर्फ आश्वासनमिल रहा है। लापरवाह बने हुए हैं यहाँ के जनप्रतिनिधि व अधिकारी।

पूर्व मुखिया निशांत कुमार मिश्र ने बताया कि मुरली चंदवा कटिंग पर धीमी गति से पुल निर्माण कार्य किया जा रहा है जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक पदाधिकारीयों कि लापरवाही के कारण आने वाले वरसात के दिनों में इस पथ पर आवागमन बिल्कुल ठप हो जाएगी। वैसे भी अनुमंडल मुख्यालय से इस सड़क से जब घर पहुंच जाता हूं तो राहत का सांस लेता है।

सुधीर झा

सुधीर झा ने कहा कि लक्ष्मीपुर से कुम्हारपुर जाने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क राहगीरों के लिए जानलेवा बन चुकी है। इस पर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल है और हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। लश्करी पंचायत के मुरली चंदवा गांव में 2008 के प्रलंयकारी वाढ में ध्वस्त हुई सड़क निर्माण को लेकर आज भी सरकार और प्रशासन गंभीर नहीं है। इस सड़क का निर्माण वर्ष 1980 और पचासी के बीच तत्कालीन विधायक सिंहेश्वरी मेहता ने करवाया था।


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