मधेपुरा : खतरनाक हिंसक भीड़, खूबसूरत हिन्दोस्तान को तबाह करने पर तुली है-मुसब्बीर रजा मिस्बाही

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कौनैन बशीर
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा जिला के चंदा गांव स्थित अलीजान साह का सालाना एक दिवसीय उर्स शुक्रवार को मनाया गया। इस मौके पर मदरसा फरिदिया अलीजान साह के प्रांगण मे (काॅन्फ्रेंस) जलसे का आयोजन हुआ। जेरेनिजामत हजरत मौलाना मुजाहिदे बाबू अली कौनैन खां फरीदी बिहपुर सरीफ के सदारत मे आयोजित एक दिवसीय जलसे मे पहुँचे ओलमा-ए-कराम ने अपने तकरीर से मुस्लमानों के आखरी दूत नबी हज़रत मोहम्मद साहब की आइडियल जीवन का व्यख्या करते हुए कहा कि आज के मुसलमान अपने नबी के फरमान को भूल बैठे है।

पूर्णिया से पहुँचे मुसब्बीर रजा मिस्बाही ने अपने तकरीर में कहा कि हमारा मुल्क इस वक़्त नफरतों की आग में तप रहा है। खतरनाक हिंसक भीड़, खूबसूरत हिन्दोस्तान को तबाह करने पर तुली है। उन्होंने  झारखण्ड में एक मुसलमान लड़के तबरेज अंसारी की हत्या को भी शर्मनाक बताया, उन्होंने कहा कि यह कोई मज़हब नहीं सिखाता कि किसी का क़त्ल कर दिया जाये। लगातार जिस तरह एक मज़हब के लोगों को बीफ के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है। उससे कानून का राज ख़त्म होता दिख रहा है और हम अपने इस मोहब्बत वाले मुल्क को नफरत की आग में जाता हुआ देख रहे हैं। भीड़ लोकतंत्र की हत्या कर रही है अदालत के बजाये कुछ सरफिरे फैसले कर रहे हैं और बेगुनाहों को क़त्ल कर रहे हैं।

हज़रत ने कहा कि हम हुकूमते हिन्द से मांग करते हैं की इसे हर हाल में रोका जाये क्योंकि हिन्दोस्तान से हम हैं अगर मुल्क जला तो कोई महफूज़ नहीं रहेगा, उन्होंने अमन पसंद लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी अमन पसंद लोग अब इन नफरत के सौदागरों के खिलाफ एकजुट होकर आयें। सवाल मुल्क का है नफरतो को रोकने के लिए मोहब्बतों की बहुत ज़रूरत है। अमन के कयाम के लिए सभी को एक आवाज़ में कहना होगा कि सभ्य समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। मौलाना ने लोगों से सब्र से काम लेने की बात कही और कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें, अमन कायम करने की हर मुमकिन कोशिश की जाये। वहीँ उन्होंने हुकूमत से मांग की कि “सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास” का जो नारा दिया गया है इस पर अमल होना चाहिए और अल्पसंख्यको के मन से डर को निकलने की कोशिश की जानी चाहिए। हज़रत ने मुल्क में मोहब्बत की हवा चलने और अमन कायम रहने की दुआ की।

मौलाना मुफ़्ती अली रजा ने मुसलमानों के बीच चल रही शादी विवाह में दहेज़ जैसे घिनौने चलन की आलोचना की, आये हुए हाजरिनों से दहेज़ जैसे रोग को अपने नज़दीक नहीं आने देने की भी हिदायत दी। उन्होंने शिक्षा पे जोर देते हुए कहा कि शिक्षा मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है शिक्षा एक ऐसी चीज़ है जो इंसान को इंसान बना देती है। मौलाना सैयद मसरूर रज़ि सहबाजिया भागलपुरी ने कहा कि मुसलमान अपना जीवन नबी मोहम्मद सल्ललः अलेह वसल्लम के बताये हुए तरीके पे बिताये तो मरने से पहले और मरने के बाद का जीवन सफल होगा। मौलाना अबुसलेह सिद्दीकी ने दाता अलीजान साह की जीवनी पर रोशनी डालते हुए कहा कि वह खुदा की इबादत करने के लिए जंगलों में भी जाते थे। साथ ही गरीबों की मदद भी किया करते थे और सभी मजहब के लोगों की भी सहायता करते थे। उनके पास लोग अपनी परेशानी लेकर आते थे तो वह उन्हें कभी निराश नहीं लौटने देते। मौलाना गुलाम मुरसलीन ने कहा कि दाता अलीजान शाह ने हमें नेकी और भलाई का रास्ता दिखाया है, उसी रास्ते पर हमें चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सूफी संतों और वलियों के बताए हुए नेकी और सच्चाई के रास्ते पर चलकर उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

वही कान्फ्रेंस में देश प्रदेश से आये हुए तालिबे इल्म ने अपनी-अपनी रूहानी तकरीर से लोगों को मोअज्जल फरमाया। वही हिन्दु-मुन्स्लिम एकता के प्रतीक व लोगों के आस्था के केंद्र अलीजान साह के 79 वाँ सालाना उर्स में शुक्रवार को अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ पड़ा। मजार पर लोगों ने सुबह से ही चादरपोशी कर दुआ मांगीे। उर्स के मौके पर आस्ताना परिसर को विद्युत झालरों से आकर्षक रूप में सजाया गया था। शाम पांच बजे चादर-गागर का जुलूस निकला। जायरिनों ने बताया कि उर्स में मन्नतें पूरी होने पर लोग चादर चढ़ाते हैं।


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