मधेपुरा : BNMU प्रशासन पर 40 करोड़ रूपये वित्तीय अनियमितता का आरोप, जांच को पहुंची विजीलैंस की टीम  

Sark International School
Spread the news

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा विनोद कुमार के कार्यकाल में लगभग 40 करोड़ रूपये के वित्तीय अनियमितता की जांच को लेकर विजीलैंस की टीम मंगलवार को लगभग एक बजे कुलसचिव कार्यालय पहुंची तथा  कुलसचिव डा कपिलदेव प्रसाद के समक्ष पूर्व खेल पदाधिकारी प्रो़ शैलेन्द्र कुमार से लगभग एक घंटे तमाम आरोपों पर पूछ-ताछ की।

 उसके बाद विजीलैंस की टीम परिसंपदा पदाधिकारी डा बिजेन्द्र प्रसाद यादव के साथ केन्द्रीय भंडार जाकर आवश्यक दस्तावेज को खंगाला एवं खरीदे गये समानों का स्टॉक की जांच की। विजीलैंस वित्त पदाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिन्हा से भी उनके कार्यालय वैश्म में जाकर आवश्यक पूछ-ताछ की। उसके बाद विलीलैंस ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय जाकर परीक्षा नियंत्रक डा नवीन कुमार एवं पूर्व खेल पदाधिकारी प्रो शैलेन्द्र कुमार को आमने-सामने बैठाकर पूछ-ताछ की।

वित्तीय अनियमितता को लेकर राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति के समक्ष दिया गया था आवेदन

बीएनएमयू पूर्व कुलपति डा विनोद कुमार के कार्यकाल में बरते गये घोर वित्तीय अनियमितता को लेकर गृह विज्ञान की शोध छात्रा रिंकी यदुवंशी ने विभिन्न वित्तीय अनियमितता को लेकर बिहार के राज्यपाल, निगरानी अन्वेषण व्यूरौ, मुख्यमंत्री समेत देश के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी के समक्ष विधिवत उपस्थित होकर शपथ-पत्र बनाकर प्रमाणिक आरोप लगाई थी। रिंकी यदुवंशी के आरोप को संज्ञान में लेकर निगरानी अन्वेषण व्यूरो, पटना ने अगस्त, 2015 से जांच प्रारंभ कर दी। इस मामले को लेकर इससे पहले भी लगभग चार बार विजीलैंस की टीम बीएनएमयू पहुंचकर जांच कर चुकी है।

 मालूम हो कि निगरानी अन्वेषण व्यूरो के डीएसपी कन्हैया लाल विगत दो मई 2019 को बीएनएमयू पहुंचकर पुराने मामले का जांच नये तरीके से आरंभ किसा। इनसे पहले यह जांच निगरानी डीएसपी प्रतिभा सिन्हा के भरोसे था। जिनके कार्यकाल में जांच बिल्कुल शिथिल रहा। प्रथम जांच निगरानी के डीएसपी बीके श्रीवास्तव ने आरंभ किया था। उनके कार्यकाल में जांच काफी तीब्र गति से हो रहा था, लेकिन वे अवकाशप्राप्त हो गये। जिस कारण जांच में शिथिलता आ गई।

कलकत्ता की रोहिणी कुंडू के नाम तीन चेक से किया गया था 90 लाख का भुगतान

शोधार्थी रिंकी यदुवंशी ने पूर्व कुलपति पर लगभग 40 करोड़ रूपये का प्रमाणिक आरोप चेक संख्या एवं निकासी किये गये खाता संख्या से लगाई है। जिसपर विजीलैंस की टीम जांच कर रही है। रिंकी यदुवंशी ने मुख्य रूप से स्नातक प्रथम खंड-2014 में केवल प्रश्न-पत्र छपाई पर लगभग 90 लाख का भुगतान कलकत्ता की रोहिणी कुंडू के नाम तीन चेक से किया गया था। उसके बाद तत्तकालीन कुलपति की आरे सेे नये एवं पुराने कैंपस में 30 लाख रूपये का सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था। जब विजीलैंस की टीम कैमरा जांच करने नॉर्थ कैंपस पहुंची तो वहां एक भी कैमरा लगा हुआ नहीं था। तीसरा आरोप यूजीसी फंड के लगभग 1.25 करोड़ रूपये के वित्तीय अनियमितता का है। चौथा आरोप लगभग 55 लाख रूपये के स्मार्ट बोर्ड खरीद का है, जो नया कैंपस में लगाया गया लेकिन एक शाजिशपूर्ण षड़यंत्र के तहत उसे चोरी का घटना बताकर स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करवा दिया गया। पांचवा आरोप लगभग 47 लाख के फर्नीचर खरीद से संबंधित है। जिसमें प्रक्रिया का पालन नहीं कर समानों की मनमर्जी खरीद की गई. छठा आरोप विश्वविद्यालय में कमप्यूटर सेंटर एवं सॉफ्टवेयर के रहते बाहर के प्रेस से विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग का कार्य करवाकर करोड़ों का वारा-न्यारा किया गया। सातवां आरोप प्राइवेट कंपनी को विश्वविद्यालय का वेबसाईट का लाखों रूपये का ठेका दे दिया गया, लेकिन एनआईसी से नहीं कराया गया, जो मुफ्त में वेबसाईट बनाने के लिए तैयार रहता है। आठवां आरोप लाखों-करोड़ों के टेंडर में विज्ञापन कलकत्ता के अखबार को दिया गया। जिसे कोई भी बिहार के लोग नहीं पढ़ते हैं। जबकि स्थानीय अखबार में विज्ञापन छपवाना चाहिए था। नौंवा आरोप परीक्षा विभाग के अतिगोपनीय कार्य को भी प्राईवेट प्रेस से करवाया गया। जबकि विश्वविद्यालय को अपना प्रेस स्थापित है। दसवां आरोप परीक्षा विभाग में सामान्य कोष से करोड़ों की राशि स्थानान्तरित कर कोष का दुरूपयोग किया गया, साथ ही लगभग 40 करोड़ रूपये के भुगतान का जांच करने विभिन्न चेक संख्या के साथ निगरानी विभाग को अनुरोध किया गया है।

इस बाबत पूछे जाने पर डीएसपी, निगरानी अन्वेषण व्यूरो, पटना कन्हैया लाल ने मिडिया को बताया कि रिंकी यदुवंशी से प्राप्त आवेदन की जांच करने हमलोग आए हुए हैं। लगभग 40 करोड़ रूपये वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया है। जिसके तमाम तकनीकी बिंदुओं की जांच की जा रही है।


Spread the news
Sark International School