मधेपुरा : सीमित संसाधनों में भी बेहतर काम किया जा सकता है-कुलपति

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान पठन-पाठन एवं शोध से ही होती है। इसलिए हम सबको मिलकर बीएनएमयू में शोध को गति देनी है।  यह बात कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने कही। वे मंगलवार को विश्वविद्यालय में रिसर्च प्रोजेक्ट को लेकर आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक का आयोजन बीएसयू (सीसीडीसी) – मीटिंग – 05/2019 – 1847/जीएस (i), 30 जून 2019 के आलोक में किया गया था। कुलपति ने कहा कि कोई भी शिक्षक संसाधनों का रोना नहीं रोएं। सीमित संसाधनों में भी बेहतर काम किया जा सकता है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं शोधार्थियों में गुणवत्तापूर्ण शोध के प्रति जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। राजभवन एवं राज्य सरकार के स्तर से भी जागरूकता हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

गत 29 मई को राजभवन के तत्वावधान में पटना में सभी विश्वविद्यालयों के चुने हुए शिक्षकों का सेंसेटाइजेशन वर्कशाप आयोजित किया गया था। यह राज्य में शोध को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो रहा है। कुलपति ने उक्त कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी शिक्षकों को विभिन्न दाता एजेंसियों में रिसर्च प्रोजेक्ट जमा कराने के निदेश दिए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 15 जुलाई को अगली बैठक आयोजित की जाएगी।

इस अवसर पर डीएसडबल्यू डा शिवमुनि यादव, सीसीडीसी डा अशोक कुमार यादव, डा ज्ञानंजय द्विवेदी, डा सुधांशु शेखर, डा राजकुमार सिंह, डा नरेश कुमार, डा बीके दयाल, डा संजीव कुमार, डा कपिलदेव प्रसाद, डा अबुल फजल, डा अशोक कुमार, डा संयुक्ता कुमारी आदि उपस्थित थे।


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