सीतामढ़ी/बिहार : मेहसौल स्थित अमन वेलफेयर सोसायटी में आयोजित बैठक में मुहर्रम के अवसर पर आयोजित होने वाली शहीदे करबला कॉन्फ्रेंस पर चर्चा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए संस्था के सचिव अलाउद्दीन बिस्मिल ने कहा कि 2006 से हमलोग मुहर्रम के अवसर पर ताजिया नहीं बनाते हैं बल्कि इस अवसर हमलोग कर्बला कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हैं ताकि शिर्क और बिद्दत से खुद भी बच सके और ओरों भी बचा सकें।
बैठक के माध्यम से उन्होंने अवाम से आह्वान किया कि जहाँ भी ताजियादारी की परंपरा है उसे त्याग करें। बैठक मे लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश महासचिव मो. जुनैद ने कहा कि इसलाम धर्म में ताजिया का कोई जिक्र नहीं है, ताजिया का इसलाम धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए इस गलत परंपरा को त्यागे। वहीं मेहसौल से प्रेरणा लेते हुए अनय स्थानों एव गांवों में भी ताजिया प्रथा को बंद कर शहीदे कर्बला कॉन्फ्रेंस आयोजित करें।
समाजिक कार्यकर्ता मो कमर अखतर ने कहा कि ताजियादारी का रिवाज तैमुरलंग के जमाने मे शुरू हुई है और आज तक कायम है जबकि ताजिया का इसलाम धर्म में कोई जगह नहीं है। वहीं मरकज मस्जिद मेहसौल के सचिव मो दाउद ने कहा कि शरीअत मे ताजिया नहीं है और जो कुछ बिदअत ताजिया के साथ होती है सब नाजायज है। ताजियादारी नाजायज हराम व बिदअत है। मुहर्रम के महीने मे ज्यादा से ज्यादा रोजे रखें।
उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा आयोजित शहीदे कर्बला कॉन्फ्रेंस मे 20 सितंबर को जलसा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सरलाही नेपाल के मौलाना मो सगीर चतुर्वेदी, मदरसा इस्लामिया अरबिया बाराबंकी युपी के मौलाना मो रिजवान नदवी, जामिया अरबिया बैतुलओलुम सरायमीर आजमगढ़ युपी के मौलाना मुफ्ती मो अनीसुररहमान भाग लेंगे। वहीँ 21 सितंबर को संस्था द्वारा मुशायरा व कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। बैठक मे शायर गुफरान राशीद, सेराज कुरैशी, मो अजीजररहमान, अबुल हसन, मो मुसा अखतर, अली, ताहीर हुसैन, नुर मोहम्मद, मो निसार, मो ऐजाजुल, मो सलाहुद्दीन, मो शमीम आदि मौजूद थे।