मधेपुरा/बिहार (प्रेस विज्ञप्ति) : बुधवार की संध्या आनंद बिहार मौहल्ला में 41 वां विश्व संगीत दिवस के अवसर पर संगीत समारोह एवं परिचर्चा का आयोजन सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में अहम योगदान देने वाली संस्था सृजन दर्पण के ओर से आयोजित किया ।
इसकी शुरुआत सप्रथम संगीतज्ञों ने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रो.यगेन्द्र ना.यादव को याद करते हुए उनके तेलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। संगीत समारोह में मुख्य रूप से आकाशवाणी और दूरदर्शन कलाकार प्रो. रीता कुमारी की राग मधुबंति में ख्याल और कई भजन प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दी। आकाशवाणी और दूरदर्शन कलाकार प्रो.अरुण कुमार बच्चन ने राग झिंझोटी में ख्याल और राग पहाड़ी में एक दादरा प्रस्तुत कर मौजूद दर्शकों को भोवविभोर कर दिया। जबकि तबला पर संगत आकाशवाणी और दूरदर्शन कलाकार डॉ. रवि रंजन कुमार ने किया। इस अवसर पर संगीत की समग्रता का ख्याल रखते हुए क्षेत्रीय से लेकर शास्त्रीय गायन की शानदार प्रस्तुति हुआ।
परिचर्चा में विशेषकर प्रो. रीता कुमारी ने कहा कि जीवन में संगीत प्रकृति का अनुपम उपहार है,जिसे देश की सीमाओं में बांध नही जा सकता। प्रो. बच्चन ने विश्वतारा से प्रकाश डालते हुए कहा मानव जीवन में संगीत की महत्वपूर्ण भूमिका है। संगीत हर किसी को पसंद है जो व्यक्ति अपने जीवन में संगीत को आनंद के साथ सुनते हैं वह संगीत का महत्व जानते हैं। जबकि आकाशवाणी और दूरदर्शन कलाकार डॉ.रवि रंजन के चिर अभ्यस्त अंगुलियों की थिरकन से निकलते वाली आवाज ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया। डां. रंजन ने कहा सात सुरों के सरगम से जो हृदय को उद्धाटित कर दे,शब्द रहित भावना को भी जो यति गति लय मुखरित कर दे और आनंदित कर दे उसे संगीत कहते हैं।
वही कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्था के संस्थापक सचिव सह युवा रंगकर्मी और निदेशक बिकास कुमार ने कहा जीवन के यथार्थ एवं मूल्य सामान्यतः कड़ुआ होते हैं, यही जब संगीत के आनन्दमय लय के साथ हम तक पहुंचता है तो सहज ही हृदयंगम हो जाता है और हमारे विचार एवं कर्म अनायास लोकहित से जुड़ जाते है। इस लिए संगीत मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
कार्यक्रम के दौरान सृजन दर्पण के सम्मानित रंगकर्मी पल्लवी कुमारी, आंकाक्षा प्रिया,सृष्टि कुमारी, कृतिका रंजन, मौशम कुमारी और रेशम कुमारी ने लोकगीत की बेहतरीन प्रस्तुति से कार्यक्रम को प्रभावी बना दिया।अंत में संस्था के कलाकारों ने बताया कि इस खास अवसर पर हमलोग को अपनी गीत नृत्य और रंगकर्म के माध्यम से लोकोपकारी संदेशों को लोगों तक पहुंचाने के अपने संकल्प को और मजबूती देने की प्रेरणा मिली। समारोह की सफलता में कुमारी कंचन माला और कृष्ण रंजन कुमार का योगदान सराहनीय रहा। मौके पर बड़ी संख्या में शिक्षाविद, संगीत-प्रेमी और संस्था के सदस्यगण मौजूद थे।