प्रधानाध्यापिका चंद्रिका कुमारी के हत्यारे की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे परिजन

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मधेपुरा/बिहार :  बालम गढ़िया पंचायत के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका चंद्रिका कुमारी की 11 मार्च को हुई हत्या में न्याय की मांग को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित कला भवन के समक्ष मृतिका चंद्रिका कुमारी के परिजन अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गये हैं.

मौके पर उपस्थित मृतिका के परिजनों ने बताया कि बीते 11 मार्च को बालम गढ़िया पंचायत के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका चंद्रिका कुमारी का चार पहिया वाहन से कुचलकर निर्मम हत्या के लगभग तीन महीने बीत जाने के बावजूद भी पुलिस द्वारा अनुसंधान में ढिलाई की जा रही है. जिसके कारण हत्या के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं एवं मृतक के पीड़ित परिजन को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि मृतिका चंद्रिका कुमारी एवं उनके परिजनों को न्याय दिलाने तथा आरोपियों के द्वारा दी जा रही धमकी के विरोध में परिजन अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करने के लिए बाध्य हुये हैं.

 मौके पर उपस्थित भीम आर्मी के प्रदेश उपाध्यक्ष अबूजर खान ने कहा कि प्रशासन निर्दोष को जेल भेज रही है और दोषियों को बचाने में लगी रहती है. इसका खामियाजा आम आवाम को भुगतना पड़ता है. भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष मुन्ना कुमार पासवान ने बताया कि बीते 11 मार्च को सुबह नौ बजे विद्यालय जाने के क्रम में प्रधानाध्यापिका चंद्रिका कुमारी को चार पहिया वाहन से कुचल कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. हत्या के लगभग तीन महीने बीत जाने के बावजूद भी प्रशासन अभी तक दोषियों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है. जिसके कारण जिले में आये दिन लूट, हत्या, बलात्कार, चोरी एवं शराब तस्करी जैसी घटना चरम पर है, लेकिन पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है. उन्होंने कहा कि बिहार के मुखिया दलित के हत्या पर नौकरी की बात करते हैं, लेकिन यहां नौकरी तो दूर की बात है कम से कम न्याय एवं इंसाफ ही मिल जाये तो बहुत बड़ी बात होगी.

उन्होंने कहा कि पीड़ित परिजनों का कहना है कि वे लोग न्याय की गुहार लेकर एसपी एवं डीएम समेत डीआईजी के पास भी गये, लेकिन वहां भी निराशा हाथ लगी. अंततः पीड़ित परिजनों को अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठने को बाध्य होना पड़ा, जिसके जिम्मेदार पुलिस प्रशासन है. द ग्रेट भीम आर्मी के सहरसा जिलाध्यक्ष संजय कुमार पासवान ने कहा कि पुलिस प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण मधेपुरा अपराधिक मामलों को लेकर सुर्खियों में रहा है. सहरसा एआईएसएफ के शंकर कुमार ने बताया कि पुलिस अपराधियों के साथ गलबहिया करने में व्यस्त है, जिसके कारण अपराधियों का मनोबल सर चढ़कर बोल रहा है.

बिनीत कुमार बबलू
संवाददाता, मधेपुरा

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