उदाकिशुनगंज/मधेपुरा : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मैट्रिक परीक्षा लेने की तैयारी में जुटी हुई है। उदाकिशुनगंज प्रखंड में एक स्कूल ऐसा भी है जहां कुछ छात्र-छात्राओं का भविष्य फंसता दिख रहा है। अगर इन स्कूलों ने अपनी गलती नहीं सुधारी तो यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्रा मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो सकते है। बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में अब बहुत अधिक समय शेष नहीं रह गया है।
मिली जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड अन्तर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय मंजौरा के आधा दर्जन से अधिक छात्र – छात्रा का एडमिट कार्ड नहीं मिलने से परेशान है उन्हें प्रवेश पत्र नहीं मिलने की वजह से होने वाली वार्षिक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाने का गम सताने लगा है। छात्र अहद अंसारी, गुलपसार खातून, मधु कुमारी, सुमन कुमारी, खुशबू कुमारी, नीतू कुमारी, सोनू कुमार, रूमा कुमारी, दिलखुश कुमार, ब्रजेश कुमार, कृष्ण कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देते लिखा है कि रजिस्ट्रेशन के बाद जांच परीक्षा में शामिल हुए। फार्म की राशि देकर फार्म भी भरा गया।
दिए गए आवेदन पत्र में छात्र छात्राओं ने कहा है कि हम लोग उत्क्रमित उच्च विद्यालय मंजौरा के सत्र 20-21 के नियमित छात्र/छात्रा हैं। आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए सभी प्रकार का शुल्क विद्यालय को जमा किया गया, लेकिन हम लोगों का एडमिट कार्ड अब तक नहीं आया है। प्रधानाचार्य से पूछे जाने पर सिर्फ आश्वासन देते हैं कि परीक्षा तक में आ जाएगा। जबकि विद्यालय के कुछ शिक्षक से पता चला कि कुछ बच्चे का फॉर्म ऑनलाइन किया हीं नहीं गया है। छात्र-छात्राओं ने प्रधानाचार्य पर आरोप लगाया है कि प्रधानाध्यापक अपने घर पर अपने पुत्र से ही विद्यालय के सभी कार्य को ऑनलाइन करवाते हैं। वही छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानाध्यापक और उनके पुत्र हमेशा नशे में धुत रहते हैं। छात्र-छात्राओं ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से आग्रह किया है कि हम लोगों के समस्या पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर प्रधानाचार्य पर विधि संवत कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही एडमिट कार्ड दिलवाया जाने की मांग की है ताकि छात्र छात्रा परीक्षा से वंचित ना हो सके।