मधेपुरा/बिहार : सोमवार को एनएसयूआई एवं एआईएसएफ ने संयुक्त रूप से पटना विश्वविद्यालय परिसर से बीपी मंड़ल की प्रतिमा को तोड़कर फेके जाने के खिलाफ जिला मुख्यालय स्थित बीपी मंडल प्रतिमा के समक्ष बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं पटना विश्वविद्यालय के कुलसचिव का पुतला दहन किया.
मौके पर एआईएसएफ जिलाध्यक्ष वसिमुद्दीन उर्फ नन्हे ने कहा कि बीपी मंडल समाजवाद के पुरोधा थे तथा पटना विवि के छात्र एवं मंड़ल आयोग के अध्यक्ष रहे थे. जिनकी प्रतिमा पटना विवि में स्थापित की गई थी, वह गर्व की बात थी और उनके जयंती पर प्रतिमा को तोड़कर कूड़ेदान में डाल देना, किसी गंदी राजनीति से प्रेरित है तथा साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देती है.
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि पटना विवि परिसर में बीपी मंड़ल की प्रतिमा को तोड़कर हटाना एक आपराधिक कृत्य ही नहीं है, बल्कि इस घटना ने देश की बहुसंख्यक आबादी के भावना को आहत पहुंचाया है. हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप्पी तोड़े एवं दोषी कुलसचिव को अविलंब बर्खास्त करें. निशांत यादव ने कहा कि यह घटना केवल मूर्ति तोड़े जाने की नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि आज भी विवि व कॉलेज कैंपस में सामाजिक न्याय व शोषितों के खिलाफ षड्यंत्र करने वाले भरे पड़े है. उन्होंने कहा कि बीपी मंडल देश के बहुसंख्यक शोषित, पीड़ित, वंचित आबादी के रहनुमा हैं और देश के सत्ता, शाषण-प्रशाषन में पिछड़ों की हिस्सेदारी बीपी मंडल के बदौलत ही है. उनका अपमान कभी बर्दास्त नहीं करेंगे. एआईएसएफ के पूर्व जिलासचिव संतोष कुमार सुमन ने कहा कि जिन्होंने पिछड़े वर्ग को शिक्षा में 27 प्रतिशत आरक्षण देकर, उसे एक समान करने की व्यवस्था की, ऐसे महापुरुष की प्रतिमा तोड़ा जाना दुःखद है. हम इसके खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक चरणबद्ध तरीके से संघर्ष करेंगे.
मौके पर एनएसयूआई के जितेंद्र कुमार, अरमान अली, अकेला, हिमांशु राज, नवीन कुमार, अमित कुमार, रौशन, अविनाश, बिमलेश, नीतीश, अजय, मिथलेश, शिवशंकर, प्रशांत यादव, मनीष, सतीश एवं एआईएसएफ के जिला सचिव रफी, सुल्तान, एजाज अख्तर, गजेंद्र, जाहिद उपस्थित रहे.