बाल देख-रेख एवं संरक्षण वाले संस्थानों का किया निरीक्षण  

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मुजफ्फरपुर/बिहार : जिला निरीक्षण समिति ने जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार के नेतृत्व में जिला बाल संरक्षण इकाई मुजफ्फरपुर द्वारा संचालित किए जाने वाले बाल देख-रेख एवं संरक्षण वाले संस्थानों का निरीक्षण किया l

निरीक्षण के समय बाल गृह, सिकंदरपुर में कुल 33 बच्चे आवासित थे, जिसमे से 20 बालक विशेष इकाई के है और 13 सामान्य है l अधीक्षक बालगृह द्वारा समिति को बालकों के पठन पाठन, खेल कूद, आवासन एवं पुनर्वसन की विस्तृत जानकारी दी गयी।

निरीक्षण के दौरान आवासित बालकों से जिला पदाधिकारी एवं निरीक्षण दल द्वारा बात कर उनके रख रखाव पर भी जानकारी प्राप्त की गयी। इस अवसर पर बालकों ने निरीक्षण दल को अपने द्वारा बनाए गए पेंटिंग प्रस्तुत किए l जिला निरीक्षण समिति द्वारा बाल गृह में प्रतिनियुक्त चिकित्सको के विषय में भी जानकारी ली गयी l बाल गृह के साफ सफाई और बालकों के रख-रखाव से संबंधित किए गए व्यवस्थाओं को संतोषजनक बताया गया l बाल गृह में समान्य इकाई के बच्चो का पुनः परामर्शन करा कर जल्द से जल्द उनको परिजनो तक पहुचाने हेतु प्रयास करनें के लिए निर्देशित किया गया, साथ ही कोविड-19 के मदेनज़र न्यायपालिका सरकार, विभाग, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा जारी विभिन्न एड्वायजरी एवं निर्देशों के अनुपालन का जायजा लिया गया साथ ही मास्क हैंडवास सेनीटायजर आदि की उपलब्धता की भी जांच की गयी l  संस्थान की विभिन्न पंजियो की भी बारीकी से जांच की गई l संस्थान में बच्चो के सुरक्षा एवं आगंतुकों की निगरानी के लिए कार्यरत सी सी टी वी  कैमरों के सुचारू ढंग से चलने की भी जांच की गई l

इसी क्रम में जिला निरीक्षण दल द्वारा पर्यवेक्षण गृह, सिकंदरपुर का भी निरीक्षण किया गया जिसमे कुल 94 विधी विवादित बालक आवासित है, इनमे मुजफ्फरपुर के 34, सीतामढ़ी के 41, हाजीपुर के 18, शिवहर के 01 विधि विवादित बालक आवासित है l निरीक्षण के क्रम में गृह की सुरक्षा हेतु बाहर की चहारदिवारी एवं शयन कक्ष के छत की मरम्मती को पूरा करवाने हेतु अधीक्षक को कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण से समन्वय स्थापित कर अविलंब कार्य पूर्ण करवाने का निर्देश दिया गया । गृह में आवासित बालकों का खान पान, रहन सहन, इत्यादि व्यवस्थाओ का भी निरीक्षण किया गया इसी क्रम में तैनात सुरक्षा प्रहरियों को भी चौकस रहने हेतु निर्देशित किया गया, साथ ही गृह का केस फाइल स्टाफ पंजी, अगुंतक पंजी इत्यादि का भी जांच किया गया ।

इसके पश्चात विशिष्ट दतक ग्रहण संस्थान खबड़ा, का भी निरीक्षण किया गया जिसमे कुल 10 बच्चे आवासित हैl  इस गृह में 0-5 वर्ष तक के बच्चे बसन करते हैं। संस्था के समन्वयक को नियमित रूप से प्रत्येक मास के एक निश्चित तिथि को शिशुओ का वजन माप कर रेकॉर्ड संधारण करने का निर्देश दिया गया एवं उनकी नियमित हेल्थ मॉनिटरिंग करने को कहा गया। विशिस्ट दतक ग्रहण संस्थान से जिला पदाधिकारी एवं निरीक्षण दल द्वारा संस्थान से दतक ग्रहण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली गयी एवं दत्तक ग्रहण प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया गया। विदित हो की पिछले 03 वर्ष में वहाँ  से 31 बच्चो की दतक प्रक्रिया को पूर्ण किया गया ।  

जिला प्रशासन मुजफ्फरपुर बच्चों की देख रेख व संरक्षण को लेकर बहुत ही गंभीर है । किसी भी बाल देख रेख संस्था का संचालन किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं बिहार किशोर नियमावली 2017 में उल्लेखित नियम 41 के प्रावधानों के अनुकूल अनिवार्य रूप से किया जाना है ।

इस मौके पर सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई उदय कुमार झा, सिविल सर्जन, एस॰के चौधरी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान, अमरेन्द्र पाण्डेय, विशेष किशोर पुलिस इकाई स्वाति- सामाजिक कार्यकर्ता मो. जमील अहमद, क्लिनिकल सायकोजिस्ट सदर अस्पताल एकता कुमारी के अलावा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्य तथा किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य एवं गृहों के अधीक्षक एवं समन्वयक भी शामिल थे ।

अंजुम शहाब
ब्यूरो
मुजफ्फरपुर


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