
नालंदा ब्यूरो
बिहार
नालंदा/बिहार : जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र मैदान में कर्ज मुक्ति आंदोलन के तहत अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मज़दूर सभा (खेग्रामस), मनरेगा मजदूर सभा, ऐपवा व माले द्वारा राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत विभिन्न मांगो को लेकर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विरोध प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को मांगपत्र सौंपा गया।
इस दौरान खेग्रामस के जिला सचिव रामधारी दास ने कहा कि आज पूरे देश मे स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को कर्ज माफ करने हेतु खेग्रामस, मनरेगा मज़दूर सभा, ऐपवा व माले द्वारा द्वारा कर्ज मुक्ति आंदोलन के अवसर पर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते कर्ज मुक्ति आंदोलन की नेत्री दीपा देवी और रीना देवी ने कहा कि हमारी सरकार आज हमें नये किस्म के महाजनों का गुलाम बनाने में लगी है, पूंजीपति अरबों रुपयों का कर्ज नहीं चुकाते तो हमारी सरकार देश के खजाने से उनका कर्ज चुकाती है और महिलाएं जो कि पहले हमेशा अपना कर्ज चुकाती रही हैं, उन्हें इस संकट के समय भी सरकार मदद नहीं कर रही।
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इस अवसर पर खेग्रामस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनमोहन ने कहा कि मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में इन महिलाओं के लिये कुछ नही है और न ही राज्य सरकार ने कोई सहायता की है। लॉक डाउन की वजह से इनका रोजगार बन्द है और ये कर्ज लौटा पाने की स्थिति में नही हैं। इनके घर के वयस्क लोगों का भी रोजगार छिन गया है। प्रधानमंत्री मोदी अपने राहत पैकेज में चार लाख करोड़ से ज्यादा की रकम बड़े कॉरपोरेट घरानों को माफ कर चुके हैं, पर समूह से जुड़ी महिलाओं को कर्ज लौटाने के लिए कहा जा रहा है। यहां तक कि समूह से जुड़ी महिलाएं को इस विपत्ति में अपना जमा पैसा भी नही निकालने दिया जा रहा है। जीविका दीदियों को सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी भी नही दी जाती है। इन्हें भी 15,000 रुपया प्रतिमाह मानदेय और इनकी सेवा स्थायी सरकार को करनी चाहिए और कर्जमाफी के साथ स्वयं सहायता समूह की खासियत के आधार पर या कलस्टर बनाकर रोजगार की व्यवस्था करने, समूहों के उत्पादों की खरीद की गारंटी सरकार द्वारा किए जाने, समूहों को ब्याज मुक्त कर्ज देने की व्यवस्था होनी चाहिए।
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वहीं ऐपवा की जिला संयोजक गिरिजा देवी ने कहा कि पिछले तीन महीने से ऐपवा इस मुद्दे को लेकर लगातार आवाज उठा रही है और कर्जमुक्ति तक ऐपवा इस आंदोलन को जारी रखेगा।
मौके पर अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मज़दूर सभा(खेग्रामस), अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा), भाकपा माले, सहित सैकड़ों महिलाएं मौजूद थी।