छातापुर/सुपौल/बिहार : थाना क्षेत्र के नारहैया गांव स्थित गेंडा नदी में शुक्रवार को डूबी 10 वर्षीया किशोरी का शव तीन दिन बाद भी नहीं मिला । शव की तलाश में एनडीआरएफ की टीम शनिवार सुबह से ही लगातार नदी में दो बोट के सहारे खोजबीन में जुटी हुई है । लेकिन रविवार तक कोई सफलता नहीं मिल पाया है ।
जानकारी अनुसार शुक्रवार की अपराह्न मो जुबेर की 10 वर्षीया पुत्री नुजहत परवीन अपने गांव के छः बच्चों के साथ खेलते हुए गेंडा नदी किनारे खेत मे लगी धान की फसल देखने गई हुई थी, उसी दौरान नदी किनारे उक्त सभी बच्चे पानी को देखना लगे, इसी बीच धसना गिरने से नुजहत नदी में गिर गई। उसे डूबता देख साथ की अन्य चार बच्चियों ने साहस दिखाते हुए नदी में कूदकर उन्हें बचाने की कोशिश करने लगी, और चारों बच्ची भी खुद डूबने लगा, सभी को डूबता देख पानी से बाहर खड़ी एक बच्ची ने शोर मचाया, शोर सुनकर आस पास में मावेशी चरा रहे लोग जमा हुए, तैराकों ने नदी में कूदकर चार बच्ची को डूबने से तो बच्चा लिया, लेकिन अथक प्रयासों के बाद भी नुजहत का कोई पता नहीं चल पाया। स्थानीय समाजसेवी मकसूद मसन ने घटना की सूचना अंचलाधिकारी सहित स्थानीय थाना को दिया । सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष अभिषेक अंजन स्थल पर पहुंचकर घटना की विस्तृत जानकारी लेकर सीओ से एनडीआरएफ की टीम बुलाने की मांग की ।
शनिवार को एनडीआरएफ की टीम गेंडा नदी पहुंचकर शव की बरामदगी के लिए जुट गई, रविवार को समाचार प्रेषण तक शव नहीं मिला था । एनडीआरएफ टीम के साथ सीओ सुमित कुमार सिंह, थानाध्यक्ष श्री अंजन भी मौजूद थे ।
घटना को लेकर किशोरी के परिजनों में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। बच्ची की माँ नजरा खातून अपनी पुत्री के शव बरामदगी की आस में पूरे दिन नदी किनारे बेसुध होकर बैठी रहती है ।