मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 से दैनिक पारिश्रमिक भोगी के रूप में कार्यरत 10 कर्मियों ने संविदा पर बहाली की अधिसूचना जारी करने की मांग को लेकर बुधवार को विश्वविद्यालय में धरना दिया।
सुबह से ही 10 कर्मी विश्वविद्यालय के मेन गेट पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गये। इस दौरान कर्मियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी किया। कुलसचिव डा कपिलदेव प्रसाद, प्रॉक्टर डा बीएन बिबेका व परिसंपदा पदाधिकारी डा बिजेंद्र प्रसाद यादव ने धरनार्थियों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन सभी हड़ताल पर डटे रहे।
धरना की सूचना मिलने पर सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह पुलिस बल एवं कमांडो टीम के साथ विश्वविद्यालय पहुंची और धरना दे रहे सभी कर्मियों धरना की अनुमति नहीं होने बात कह कर वहां से हटा दिया।
धरना पर बैठे कर्मियों ने कहा कि वे लोग 2016 से विवि के नॉर्थ कैंपस में सुरक्षा प्रहरी व सफाई कर्मी के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। 2018 में विश्वविद्यालय ने संविदा के आधार पर विभिन्न पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन निकाला, उसमें उनलोगों ने आवेदन किया एवं इंटरव्यू में भी शामिल हुये, इंटरव्यू के बाद विश्वविद्यालय की ओर से जारी चयन सूची में माली पद के लिए उनलोगों का भी नाम आया है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ पदों पर नए लोगों की बहाली कर उनलोगों काे छोड़ दिया।
संविदा पर बहाली संबंधी पत्र निर्गत करने के लिए उनलोगों ने कई बार विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रति कुलपति एवं कुलसचिव से गुहार लगाई, लेकिन आज तक उनलोगों की संविदा पर बहाली नहीं की गई। जबकि हर बार आश्वासन दिया जाता था कि कुछ दिन बाद अधिसूचना जारी कर दिया जायेगा। कर्मियों ने कहा कि इतने दिनों तक काम कराने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन उनलोगों के साथ न्याय नहीं कर रही है। अब उनलोगों का उम्र भी समाप्त हो गया है। किसी अन्य बहाली के लिए आवेदन भी नहीं कर पायेंगे।
धरना पर प्रवीण कुमार, सिकंदर मुखिया, बौकू राम, मिथिलेश कुमार, अनिल कुमार, रूदल कुमार सहनी, श्रीप्रसाद मुखिया, केशव कुमार, पंकज मल्लिक, गुनेश्वर मल्लिक आदि शामिल थे।
प्रॉक्टर डा बीएन बिबेका ने बताया कि खाता में रूपए भेजने व अगली सिंडिकेट की बैठक में उनलोगों के संविदा पर बहाली संबंधी विचार-विमर्श की बात पर कर्मियों ने हड़ताल समाप्त कर दिया।