दरभंगा/बिहार : आज मिथिला अवामी फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ इकबाल हसन और मिथिला अवामी फ्रंट के पदाधिकारी तथा विभिन्न राजनीतिक दल का एक शिष्टमंडल ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की।
सीएम लॉ कॉलेज का जो मुद्दा है उसको लेकर समाज में उत्पन हुए नाराज़गी से वाईस चांसलर को अवगत कराया गया। उन्हें कहा गया की सीएम लॉ कॉलेज के गेट पर जो उर्दू और हिंदी में लिखे हुए बोर्ड से जिस तरीके से उर्दू भाषा में लिखे हुए कॉलेज के नाम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रिंसिपल को दबाओ में लेकर उर्दू भाषा को हटाया है उसका मिथिला अवामी फ्रंट घोर निंदा करती है और मांग करती है के हमारे राष्ट्र के सम्मानित भाषा उर्दू को यूनिवर्सिटी प्रशासन पूरा सम्मान दे और तुरंत दुबारा से बोर्ड पर उर्दू में कॉलेज का नाम लिखा जाये।
डॉ. इक़बाल हसन ने कहा कि उर्दू भाषा की पैदाइश हमारे देश भारत में हुई है और ये बिहार की दूसरी राज्यभाषा भी है। डॉ इक़बाल हसन ने कहा कि किसी भी भाषा को धर्म से जोड़ना गलत है। उर्दू पढ़ने और लिखनेवाले लोग हर प्रान्त, धर्म और जाति में हैं। शिष्टमंडल ने अपनी मांग रखी के भारतीय भाषा का अपमान करनेवालो पर यूनिवर्सिटी प्रशासन FIR दर्ज कराए और उन्हें जेल भेजे, तुरंत दुबारा से सी एम लॉ कॉलेज के गेट पर हिंदी, उर्दू और मैथिली में नाम लिखा जाये, यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेज का नाम हिंदी और उर्दू और मैथिली में लिखा जाये।
डॉ इक़बाल हसन ने बताया कि उनके साथ शिष्टमंडल मे सीनियर कांग्रेस लीडर डॉ कमरुल हसन, दरभंगा कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष डॉ जमाल हसन, सीनियर लीडर अता करीम, प्रोफेसर अब्दुल हादी सिद्दीकी, सफ़दर इमाम साहेब मुखिया, वकील अहमद (मुखिया), कुशेश्वर महतो, अमीरुल हक़, एहसान सिद्दीकी, इंजीनियर उमर फारूक रहमानी, मुन्ना खान, असद अहमद, शादाब (कांग्रेस NSUI), जनअधिकार पार्टी छात्र संगठन और जदयू छात्र संघ आदि के नेता मौजूद थे।