मधेपुरा/बिहार : वैश्विक महामारी कोरोना के प्रभाव को खत्म करने के लिए लॉकडाउन घोषित है। इस लॉकडाउन की अवधि में सामाजिक दूरी बढ़ गई है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ये कहना मुश्किल है कब तक लॉकडाउन रहेगा ? भले ही ये लोगों की भलाई के लिए किया गया है, लेकिन कई लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
खासकर गरीब मजदू और भीख मांगकर गुजारा करने वालों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसी बीचचाणक्या चैरिटेबल हाँस्पिटल के मुख्य चिकित्सक डॉ. पी आलम गरीबों के लिए मसीहा बनकर उभर रहे है। प्रखंड क्षेत्र के गरीब, असहाय व जरूरतमंदों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं। कोई भूखा न रहे इस उद्देश्य से सामाजिक सरोकार की भावना रखने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा है। जाति-धर्म के भेद से परे सेवादारों की फौज मदद को तैयार खड़े हैं।
उदाकिशुनगंज मुख्यालय में कार्यरत डॉ पी आलम पूरी शिद्दत के साथ इस कार्य में लगे हुए हैं। चाणक्या चैरिटेबल हाँस्पिटल ट्रस्ट के डॉ. पी आलम अपने सहयोगियों के साथ पिछले कई दिनों से गरीबों के घरों तक सूखा राशन पहुंचाने में लगे हुए हैं। वे गरीबों के बीच मास्क, सैनिटाइजर, साबुन चावल, दाल, तेल के साथ-साथ कुछ सहायता राशि भी बांट रहे हैं। साथ ही लोगों को कोरोना से बचने की जानकारी भी दे रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को प्रखंड क्षेत्र के पिपड़ा करौती पंचायत के करौती गाँव के तकरीबन 250 लोगों के बीच राशन वितरण किया गया। हर गरीब, बेसहारा को तकरीबन 10 किलो का किट, जिसमें दाल चावल और किराना का सामान है।
इस दौरान चाणक्या चैरिटेबल हाँस्पिटल ट्रस्ट के डॉ. पी आलम ने कहा कि हमारा देश इस वक्त महामारी की बीमारी से जूझ रहा है। कोई गरीब व्यक्ति भूखा ना रहे इसलिए लोगो के बीच राशन पहुंचाता रहा हूँ। साथ ही लोगों को लॉकडाउन का पालन करने खुद को और बच्चों को बीमारी से घरों में सुरक्षित रखें की भी सलाह दे रहे हैं।