
संवाददाता
भीमपुर, सुपौल
छातापुर/सुपौल/बिहार : आगामी 19 जनवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला की सफलता को लेकर रविवार को जिला पदाधिकारी महेंद्र कुमार, डीडीसी मुकेश कुमार सिन्हा ने प्रखंड कार्यालय परिसर में प्रखंड क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों व पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक की।
बैठक में डीएम ने कहा कि इस बार राज्य में 16 हजार किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि मुखिया, शिक्षकों के अलावे वार्ड सदस्यों को पूर्ण जवाबदेही दी गई है। सभी वार्ड सदस्यों को सौ-सौ लोगों की मानव श्रृंखला बनाने की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने बताया कि सभी वार्ड सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को ससमय भाग लेने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर प्रोत्साहित करेंगे। वहीं सभी मुखिया को अपने अपने पंचायतों में वार्ड सदस्यों के साथ बैठकर उनकी जवाबदेही का जिम्मेदारी सौपें । इसके लिए आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका, जीविका दीदी, कला जत्था टीम और साक्षरता कर्मी का सहयोग सुनिश्चित किया गया है।

डीएम ने बताया कि मानव शृंखला को लेकर विद्यालय सेे टैगिंग, चिकित्सा व्यवस्था, वाहन की व्यवस्था, ट्रैफिक व्यवस्था प्रखंड प्रसाशन द्वारा की जाएगी । लोगों को जागरूक करने, दीवाल लेखन, मेहंदी लेखन, कला जत्था टीम एवं जीविका दीदी द्वारा जागरूकता अभियान चलाने में तेजी लाने का बात कहा। कहा कि जैविक खेती वातावरण एवं स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम है। कहा कि कई जिला में जल स्रोत बहुत ज्यादा थे, उसके बावजूद भी भूजल स्तर नीचे जा रहा है, इसका मुख्य कारण यह है कि जो हमारे प्रारम्पारिक जल स्रोत थे, पोखर, तालाब, कुंआ उनका अतिक्रमण हो रहा है, जिले में सार्वजनिक ऐसे तालाब,पोखर को चिन्हित किया गया है, और उनके जीवनोउधार की कार्यवाई की जा रही है ।

वही डीएम ने कहा कि कई ऐसे लोग हैं जो शौचालय नहीं बनाये है, सभी ग्राम पंचायत के मुखिया ऐसे लोगों की सूची प्रखंड में जमा करें, कई ऐसे लाभुक होते हैं जिनके पास जमीन नहीं होती हैं और वो शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, उनके लिए ख़ाकसकर के महादलित टोलो में सामुदायिक शौचालय के लिए जमीन चिन्हित कर प्रखंड कार्यालय में सूची जमा करें, हमलोग सामुदायिक शौचालय बनाएंगे । इस अभियान के तहत प्रत्येक परिवार को शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी है, और जो शौचालय बन गया है उसका उपयोग सुनिश्चित हो, यह इस लिए जरूरी है क्योंकि दो महीने बाद जनगणना का कार्य शुरू होगा, जनगणना के दौरान हरेक घर मे जाकर पुछा जाएगा कि शौचालय बना है या नहीं । इस लिए जो परिवार छूट गया है उनका शौचालय जल्द से जल्द निर्माण कराने का पहल किया जाए ।
