मधेपुरा/बिहार: ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन एवं इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर मंगलवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत जिले के बैंक कर्मियों ने बैंक को पूरी तरह बंद कर मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया।
बैंक कर्मियों ने कहा कि सात सूत्री मांगों को लेकर फेडरेशन के आह्वान पर हड़ताल किया गया है। उन्होंने बताया कि बैंकों के विलय को रोकने, जनविरोधी बैंकिंग सुधारों को रोकने, खराब ऋणों की वसूली सुनिश्चित कर ऋण चूक कर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई करने, दंडात्मक शुल्क लगाकर ग्राहकों को प्रताडित नहीं करने, सेवा शुल्क में वृद्धि नहीं करने, जमा राशियों पर ब्याज दर बढ़ाने, नौकरी एवं नौकरियों की सुरक्षा पर हमले रोकने, सभी बैंकों में समुचित भर्ती करने एवं वेतन समझौता में हो रही देरी को लेकर यह हड़ताल किया गया है। हड़ताल के कारण आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बैंक अधिकारियों की माने तो बैंकों के एक दिन की हड़ताल से लगभग 40 से 50 करोड़ के कारोबार पर असर पड़ा है। इस हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ने के साथ व्यवसाय पर भी असर पड़ा है।
ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइ यूनियन और बैंक इंप्लाइ फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों ने बताया कि बैंकों के प्रस्तावित विलय और जमा पर गिरती ब्याज दरों का हमलोग पुरजोर विरोध करते हैं। यह सरकार की मनमानी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हमलोग सरकार द्वारा विलय के कदम का विरोध करते हैं।
विभिन्न बैंकों में मंगलवार को ताला लटके रहने के कारण दिनभर इन बैंकों के ग्राहक लौटते रहे। लोगों ने बताया कि उनलोगों को पता ही नहीं था कि मंगलवार को बैंक में हड़ताल है। अब यहां आकर वापस लाैट रहे हैं। बैंक संबंधित काम नहीं होने के कारण दिनभर परेशानी हुई। दूर से आए थे, काम भी नहीं हुआ, तो लौट कर जा रहे हैं। इन लोगों ने कहा कि त्योहार के समय में हड़ताल होने से परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है।
हड़ताल में मनीष कुमार, काजल कुमार झा, हितेश कुमार, चंदन कुमार एवं विवेक कुमार सहित बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, कॉरपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक सहित अन्य सरकारी बैंकों के कर्मी शामिल थे।