मधेपुरा/बिहार : सदर अस्पताल की बदहाली दिन बन दिन बढ़ती जा रही हैं। शनिवार की रात्रि घटना सुनकर कर अस्पताल में इलाज करवाने के नाम से घिन्न होने लगेगी। दिन और रात मिलाकार 24 घंटे होते है यह बात सभी को पता है।
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शुक्रवार को एक वृद्ध अज्ञात मरीज को गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया। जहाँ शनिवार की रात्रि 12 बजे मरीज ने दम तोड़ दिया। रात्रि 12 बजे मौत के बाद से लेकर रविवार के ढाई बजे तक शव उसी बेड पर पड़ा हुआ था जहां उसका उपचार किया गया। वार्ड में भर्ती अन्य मरीज शव की बदबू से और भी बीमार पड़ने लगे, अस्पताल प्रशासन समेत डॉक्टर को मरीज एवं उनके परिजनों के द्वारा मोबाइल पर फोन करते रहे, घंटी बजती रही पर साबह के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। अब सवाल यह उठता है कि मरीज के गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचने पर अधिकारी एवं डॉक्टर कितने जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करते है। जो साफ साफ दिखाई दे रहा है।
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