मधेपुरा : सड़कों पर दौड़ रहीं वाहनों की हाई बीम और एलईडी लाइट मौत और बीमारी को दे रही है दावत, पुलिस और परिवहन विभाग लापरवाह  

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : सड़कों पर दौड़ रहीं कारों, बसों और ट्रकों की हाई बीम लाइटों से कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं। वाहनों में लगी चकाचौंध लाइटों से अधिकांश वाहन चालक असमय काल के मुंह के समा चुके हैं, लेकिन इन वाहनों की हाई बीम को काली करने और क्षमता से अधिक लाइटें लगाने पर पुलिस और परिवहन विभाग कार्रवाई नहीं कर रही है। लिहाजा दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।

शहर की सड़कों पर चलने वाली कार, बस और ट्रक के अधिकतर चालक अपने वाहनों को हाई बीम लाइट पर ही चलाते हैं। हाई बीम लाइटों के कारण सामने से आ रहे दोपहिया समेत अन्य छोटे वाहनों के चालक की आंखें चौंधिया जाती हैं जिससे कई बार वाहन चालक अपना नियंत्रण खो बैठता है और दुर्घटना का शिकार हो जाता है। हाई बीम पर चलने वाले वाहनों और एलईडी लाइट लगी कारों के कारण सर्वाधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसके बावजूद पुलिस और परिवहन विभाग इन वाहनों के खिलाफ कभी कार्रवाई नहीं करती।

एलईडी लाइट के कारण भी होती रहती सड़क दुर्घटना : वहीँ वाहन में अतिरिक्त एलइडी लाइट लगाना फैशन बन गया है। लेकिन यह फैशन आम लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। वाहन में लगे अतिरिक्त एलईडी लाइट लगाने के कारण अक्सर सड़क दुर्घटना होती रहती है। वहीं यह सड़क सुरक्षा का उल्लंघन भी है। वाहन में अतिरिक्त एलईडी लाइट लगे होने के कारण सामने से आ रहे वाहनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आंख पर अचानक एलईडी लाइट पड़ने से वाहन चालक अनियंत्रित हो कर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इन सभी के बाद ही विभाग द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होता देख वाहन चालक भी धड़ल्ले से एलईडी लाइट का प्रयोग करते हैं। वहीं अब वाहन में अतिरिक्त एलइडी लाइट लगाना फैशन बनता जा रहा है। इसका खामियाजा सड़क पर सफर करने वाले आम अवाम को भुगतना पड़ता है।

विभाग द्वारा इस समस्या पर नहीं दिया गया ध्यान : विभाग की मानें तो एलईडी लाइट लगाना सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है। इसमें सामने से आ रहे वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। वहीं सड़क दुर्घटना की संभावना भी बढ़ जाती है। सड़क सुरक्षा के नियमों के अनुसार वाहन में एलईडी लाइट लगाने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना का प्रावधान है, लेकिन विभाग द्वारा अब तक इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया है। जिसके कारण एलईडी लाइट लगाने वाले वाहन चालकों का हौसला बुलंद हो गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी : इस बात की जानकारी देते हुए डीटीओ रजनीश लाल ने बताया की किसी भी प्रकार के वाहन में अतिरिक्त एलइडी लाइट लगाना गैर कानूनी है। इसके लिए वाहन विभाग द्वारा सभी पुलिसकर्मियों निर्देश दिया गया है की जो भी वाहन चालक अपनी गाड़ी में कंपनी के द्वारा दी गई लाइट के अलावा कोई और अतिरिक्त किसी भी प्रकार का लाइट का इस्तेमाल करते हैं तो उनसे पांच सौ रुपये का जुर्माना वसूला जाए।

क्या कहते हैं नेत्र विशेषज्ञ : सदर अस्पताल के चिकित्सक डा सजंय कुमार ने बताया कि एलईडी के रोशनी से 10 साल के बच्चो की आँखों की रेटिना कमजोर हो जाती है। जिससे उन्हें भविष्य  में देखने मे काफी दिक्कत हो जाएगी। कार, बस और ट्रकों की हाई बीम और एलईडी लाइट दुर्घटना का कारण बनती है। वाहनों को बिना डिवाइडर वाले स्थान पर लो बीम चलाना चाहिए। 45 साल से अधिक आयु के व्यक्ति की आंखों में मोतिया बनना शुरू हो जाता है। ऐसे में चकाचौंध लाइट के कारण वह अपने वाहन से नियंत्रण खो देता है और दुर्घटना का शिकार हो जाता है।


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