इस वर्ष सावन में चारों सोमवार बहुत ही अद्भुत संयोग में है। सावन मे दो सोमवार कृष्ण पक्ष में और दो शुक्ल पक्ष में है। दो सोमवार को सोम प्रदोष व्रत तथा तीसरा सोमवार बेहद कल्याणकारी नागपंचमी तथा हस्त नक्षत्र से युक्त है I आज सावन के पहला सोमवार पर शिव भक्त अपने इष्ट को प्रसन्न करने के लिए दूध, दही, घी, मधु, ईख के रस व गंगाजल आदि से अभिषेक कर फूल, बेलपत्र, भांग, धथूर, समी,अकवन पुष्प आदि से पूजन करेंगे I मिथिलावासी अपने घरों में पार्थिव पूजन भी करेंगे I कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा शास्त्री ने कहा कि आज सावन मास के कृष्ण पक्ष में पंचमी तिथि को प्रथम सोमवार जयद योग में होने से भगवान शिव की पूजा बेलपत्र और दूध से अभिषेक करने से श्रद्धालुओं के समस्त दोष समाप्त हो जाएंगे । इसके आलावा रोगों से छुटकारा, पितृदोष से मुक्ति और व्यवसाय सम्बंधित बाधाओं मे समाधान मिलेगा । महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र के साथ अभिषेक-पूजन से सभी कष्ट पलभर में दूर हो जाते है I
शिवाभिषेक व श्रृंगार पूजा से मनोरथ होंगे पूर्ण : ज्योतिषी झा के अनुसार सावन के प्रथम सोम प्रदोष मे भगवान भोलेनाथ का अभिषेक और उनका श्रृंगार करने से श्रद्धालुओं का मनोरथ पूर्ण होंगे । लड़का या लड़की की शादी-विवाह में आने वाली अड़चनें भी दूर होंगी I संतान की इच्छा रखने वाले जातक आज के दिन उमा-महेश्वर को पंचामृत से अभिषेक करे I लक्ष्मी प्राप्ति और कारोबार मे सफलता के लिए दूध से अभिषेक कर पुष्पहार अर्पित करें।
पितृदोष व कालसर्पदोष से मिलेगी मुक्ति : ज्योतिषाचार्य पं० झा ने गरूड़ पुराण के हवाले से बताया कि सावन के कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष को नागपंचमी के दिन व्रत रखते है I आज सावन मास का पहला सोमवार को पंचमी तिथि होने से यह बेहद पुण्यफलदायी दिवस हो गया है I आज शिव-पार्वती की उपासना, अभिषेक व श्रृंगार पूजा के बाद तक्षक यानि नाग देवता जो की भोलेनाथ के गले में भुजंग हार शोभायमान है, को दूध से अभिषेक के बाद फूल, खीर, दूध, लावा, धुप, दीप आदि से उनकी पूजा करते है I नाग देवता को पंचमी तिथि का स्वामी माना गया है I इससे जातक को कालसर्प दोष एवं पितृ दोष से मुक्ति मिलती है I
स्थिर संपत्ति और सौभाग्य की होगी प्राप्ति : पंडित झा ने बताया कि इस शिव कृपा के महासंयोग में श्रद्धालुओं को भोलेनाथ की पूजा से स्थिर संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होगी I इस सोमवारी पर रुद्राभिषेक, शिवसहस्रनाम, शिव पंचाक्षर, शिव महिम्न, रुद्राष्टक, शिव कवच तथा शिव तांडव स्त्रोत्र का 108 बार पाठ करने से दरिद्रता का ह्रास और शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी I
मनोकामना पूर्ति के लिए शिव को ये करे अर्पित
पुत्र प्राप्ति के लिए — दूध व घी से अभिषेक तथा धतूरे का फूल दीर्घायु — अकावन की फूल सुख प्राप्ति — हरसिंगार का पुष्प शत्रु नाश — घी व सरसो तेल से अभिषेक तथा कुसुम का फूल सुयोग्य पत्नी — बेला का फूल मोक्ष प्राप्ति — आक, अलसी या समीपत्र लक्ष्मी प्राप्ति — दूध व ईख रस से अभिषेक तथा शंख पुष्प