मधेपुरा/बिहार : सोमवार को 30 वें सड़क सुरक्षा सप्ताह के अवसर पर समाहरणालय से सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए सभी सरकारी गैर सरकारी स्कूल के बच्चों के द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई। जिसे जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला, उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी उग्रेश प्रसाद मंडल एवं जिला परिवहन पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता आपदा अब्दुल रज्जाक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मौके पर डीएम ने उपस्थित लोगों को सड़क सुरक्षा सप्ताह पर यातायात नियमों एवं प्रावधानों का शत-प्रतिशत अनुपालन करने का शपथ दिलवाया। साथ ही उन्होंने विद्यालय के बच्चों को समझाया की वह अपने परिवार, समाज एवं संपर्क में रहने वाले सभी लोगों को भी वाहन चलाते समय यातायात के नियमों एवं प्रावधानों का पालन करने के लिए प्रेरित करें।
जागरूकता वाहन से किया प्रचार-प्रसार
प्रभात फेरी में शांति आदर्श मध्य विद्यालय, मध्य विद्यालय जगजीवन आश्रम, अधिक लाल मध्य विद्यालय एवं अन्य स्कूल के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने अपने हाथों में सड़क सुरक्षा को लेकर सड़क सुरक्षा से संबंधित तख्ती लेकर लोगों के बीच जाकर लोगों को समझाने का प्रयास किया, वही इस प्रभात फेरी में जागरूकता वाहन के द्वारा लोगों के बीच सड़क सुरक्षा को लेकर प्रचार प्रसार किया।
ड्राइविंग के दौरान नहीं करें फोन का इस्तेमाल
प्रभात फेरी के जरिए स्कूली छात्र छात्राओं ने लोगों को शांति बने रहें और ड्राइविंग पर ध्यान पूरी तरह केंद्रित करें, ड्राइविंग करते समय फोन के इस्तेमाल से बचें, सड़क पर वाहनों के बीच उचित दूरी बनाकर रखें, शांति बने रहे एवं सुरक्षित रूप से ड्राइविंग करें, यातायात नियमों का पालन करें, धीरे-धीरे लेन बदलें, ओवरटेकिंग से बचें तथा यदि सड़क सकरी हो तो एक कतार में चलें, प्रत्येक सप्ताह गाड़ी के रखरखाव की जांच करें, प्रत्येक 15 हजार किलोमीटर पर ब्रेक पैड बदलें, घिसे हुए टायर को बदलें के बारे में जानकारी दी गई।
प्रत्येक साल डेढ़ लाख लोग वापस नहीं लौटते हैं घर
मौके पर उपस्थित जिला पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा की टीम के साथ जनमानस को सड़कों पर आवागमन के समय जीवन रक्षा के दृष्टिगत जागरूकता की व्यापक प्रसार किया जा रहा है। प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटना के कारण असमय हो जाती है तथा इसका एक बड़ा भाग बिहार में घटित होता है। इस पर अगर नियंत्रित नहीं होता है तो वर्ष 2030 तक सड़क यातायात के कारण लगने वाली चोटें वैश्विक रूप से मृत्यु का पांचवा सबसे बड़ा कारण बन जाएगी। जिसे नियंत्रित करने के लिए लोगों को जागरुक किया किया जा रहा है।
उन्होंने लोगों को सड़क पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी जानकारी दी. उन्होंने सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा के बारे में बताया कि वाहन ड्राइव करते समय फोन का इस्तेमाल ना करें, मोटर साइकिल पर दो व्यक्ति ही बैठे हैं तथा चलाते समय दोनों व्यक्ति हेलमेट का इस्तेमाल करें।